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फेफाना नोहर
सरकार गांव-गांव व घर-घर शुद्व पेयजल मुहैया करवाने का दावा कर रही हैं। लेकिन पदमपुरा हेड वाटर वक्र्स में बनी जल भंडारण की डिग्गियों की लंबे समय से सफाई न होने के कारण लोगों को रॉ-वाटर सप्लाई किया जा रहा हैं। ग्रामीण मंगतूराम डूडी,जगदीश,आत्माराम डूडी,सुभाष पूनियांबलवीर,देवीलाल लूणा,प्रकाश सिंहमार,जसवंत,कालूराम,सुभाष सहू,भजनलाल,रमेश,मदन पूनियां,ओम पूनियां,राजाराम सहू,विक्रम डूडी
सहित ग्रामीणों ने हेड वाटर वक्र्स की साफ-सफाई करवाने की मांग को लेकर बुधवार को रोष प्रर्दशन किया। प्रर्दशनकारियों ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने बताया कि 12 साल पूर्व जन सहयोग से जल भंडारण की डिग्गियों की सफाई करवाई गई थी। लंबे समय से सफाई न होने के कारण डिग्गियों की तली में लेदरी व घास-फूस उग जाने से पानी दूषित हो रहा हैं। सन् 2015-16 में फिल्टर बनाए गए।
लेकिन दोनों गांवों में लगभग 100-150 घरों में फिल्टर किया पानी सप्लाई हो रहा हैं। विक्रम डुडी ने बताया कि
दूषित पानी पीने से लोग जनजनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। वहीं पिछले पांच साल से सरकारी कर्मचारी न होने के कारण पेयजल आपूर्ति गड़बड़ाई हुई हैं। देख-रेख के अभाव में वाटर में बने जल स्त्रोत,कर्मचारी आवास सहित मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। वाटर वक्र्स घास-फूस व गंदगी से भरा होने के कारण जीव-जन्तुओं की भरमार हो गई।
आवारा कुते दिन भर डिग्गियों में नहाकर पानी को दूषित करते हैं। वहीं नई पेयजल योजना स्वीकृत हो चुकी हैं। जिसमें टंकी सहित कार्य होंगे। टंकी के लिए ग्रामीणों ने विभाग को जगह भी उपलब्ध करवा दी। लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने विभाग के उच्चधिकारियों से शीघ्र वाटर वक्र्स प्रांगण की सफाई व नव कार्य शुरू करवाने की मांग की हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि विभाग ने समस्या का हल नहीं किया तो वाटर वक्र्स के आगे धरना शुरू करेंगे। विभाग के एक्सईएन ताराचन्द पिलानियां ने बताया कि एक-दो माह में स्वीकृत हुए नए कार्य शुरू करवा दिए जाएगें।