फेफाना
खिनानिया वितरिका के चक 6 केएनएन के क्षतिग्रस्त खाले का उचित लेवल में पुन:निर्माण करवाने की मांग को लेकर गुरूवार को फेफाना,चारणवासी व चक नौ केएनएन सहित जुड़े किसानों ने 42 डिग्री तापमान में खेतों में 3 किसानों ने भूख हड़ताल ओर धरना शुरू किया हैं। किसानों ने धरना स्थल पर जल संसाधन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की ओर जय जवान,जय किसान के नारे लगाते हुए हक की मांग पूरी होने तक डटे रहने की हुंकार भरी।

गुरूवार को किसान ताराचन्द स्वामी,रमेश सहारण(फेफाना)व संतलाल खीचड़ (चारणवासी)भूख हड़ताल पर व अन्य धरनें पर बैठे। धरनार्थी किसान गोपीराम स्वामी,महावीर सहारण,मांगेराम लम्बरदार,महेश वकील,रणजीत बिजारणियां,अमरसिंह खीचड़,लिछमण कुम्हार,सुरेन्द्र खीचड़,कपिल,महेन्द्र खोथ,बुधराम वर्मा,मदन खीचड़ इत्यादि ने बताया कि सन् 1994-95 में सरकार द्वारा खिनानियां वितरिका नहर का निर्माण करवाया गया। जिस समय नहर का बेड लेवल अमरसिंह ब्रांच से 85 सेमी ऊंचा कर दिया था। जिससे फेफाना हेड से रतनपुरा हेड के बीच मोघा न.1 से 14 तक नहर का बेड लेवल ऊंचा होने के कारण पानी के प्रवाह में अवरूद्वता होने लगी। बेड लेवल सही करने की किसानों द्वारा उठाई गई मांग को अनदेखा करते हुए सरकार ने सन् 2005 में खाले को पक्का बनाते समय किसानों की राहत देने की बजाए नहर के अनुचित बेड लेवल का अनुरूप निर्माण करवाकर मोघा लगा दिया। किसानों ने निर्माण समय मांग उठाई लेकिन नहीं सुनी। नतीजन खाला ढाई से तीन फूट ऊंचा बन गया ओर किसानों को पानी और कम मिलने लगा। किसान लंबे अर्से से सांसद,विधायक व प्रधान से विभिन्न योजनाओं में खाले का पुन:निर्माण उचित लेवल में करवाने की मांग की जा रही हैं।
मोघा व खाला ऊंचा:
बता दें फेफाना हेड से रतनपुरा हेड के बीच विभाग द्वारा 14 मोघे 180 क्यूसेक पानी पर लगाए गए हैं। लेकिन हरियाणा से नोहर फीडर में 200 की डिमांड पर मात्र 100-150 तक पानी मुश्किल से दिया जाता हैं। जो मोघो में प्रवाहित नहीं होता ओर किसान सिंचाई पानी से वंचित रह जाते हैं। 6 से 16 जून तक खिनानियां वितरिका रेगुलेशन के प्रथम वरीयता में चली। लेकिन पूरे सप्ताह पानी 80-100 क्यूसेक ही चला। मोघे ओर खालों का लेवल ऊंचा होने के कारण 180 क्यू. से कम आने वाला सिंचाई पानी से खेत सिंचित नहीं होते। किसानों ने विधानसभा स्पीकर,मुख्यमंत्री,सिंचाई मंत्री,जल संसाधन विभाग के शासन सचिव,विधायक सहित विभाग के उच्चधिकारियों को पत्र भेजकर खाले का उचित लेवल में निर्माण करवाने की मांग की हैं।