नोहर/हनुमानगढ़ (राजेश इंदौरा)
मुख्यमंत्री द्वारा 19 नए जिलों की घोषणा करने के बाद भी वी नोहर को जिला नहीं बनाए जाने पर क्षेत्र की जनता में निराशा क्ष है। नोहर को जिला बनाने की मांग पिछले दो दशक से उठ रही है। नोहर को जिला नहीं बनाए जाने पर सोशल मिडिया ना पर भी लोग अलग अलग बीम बनाकर अपना रोष जाहिर कर रहे है।
शनिवार को सुबह से लेकर देर शाम तक गली-मोहल्लों से लेकर सार्वजनिक स्थलों बस स्टैंड, रेलवे चर्चा का विषय रहा।
नोहर का नाम नहीं आने पर नोहर के नागरिकों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया गया ,इस हेतु नोहर के नागरिकों ने एसडीएम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा ज्ञापन में बताया गया की मुख्यमंत्री द्वारा 19 नए जिलों की घोषणा हुई है उसमें नोहर को वंचित रखा गया है जबकि नोहर जिला बनने के लिए हर मापदंड पर खरा उतरता है नोहर मुख्यालय पर तमाम सरकारी दफ्तर मौजूद है जैसे एडीएम कार्यालय कन्या महाविद्यालय, बस डिपो, उप जिला राजकीय चिकित्सालय,एडिसनल एसपी ऑफिस,इसके अलावा नोहर भादरा क्षेत्र में जिला मुख्यालय की दूरी करीब 240 किलोमीटर हो जाती है ऐसे में अंतिम छोर के व्यक्ति को काफी दूरी तय करके हनुमानगढ़ जाना पड़ता है अगर नोहर जिला बनता है तो आसपास के क्षेत्रों को इसका फायदा मिलेगा। नए जिलों विनियोग विधेयक चर्चा के दौरान के गठन में योग्यता को नजरअंदाज मुख्यमंत्री की ओर से डेढ़ दर्जन से कर राजनीतिक हित का ध्यान रखा

नोहर को जिला बनाने के लिए पूर्व में धरना प्रदर्शन व नोहर बंद हो में चुके है। पूर्व पालिकाध्यक्ष श्रीराम व्यास के नेतृत्व में नोहर जिला बनाओ मुहिम के तहत परमेश्वर कमेटी को भी सम्पूर्ण के पत्रावली सौंपी गई थी। इसके अलावा वर्तमान में रामलुभाया न कमेटी को भी इस संबंध में पत्रावली भेजी गई थी। मुख्यमंत्री द्वारा गठित रामलुभाया कमेटी द्वारा भी धरातल पर इस मांग के को नहीं देखा। क्षेत्र के नागरिकों ने बताया कि सभी मापदंडों क पर नोहर जिला बनाने के लिए खरा उतरता है। इसके बाद भी र इस मांग को पूरा नहीं किया गया। नोहर जिला बनने के लिए भौगोलिक प्रशासनिक जनसंख्या व क्षेत्रफल तथा संसाधन पूरे करता है। नोहर भादरा के अनेक गांवों की दूरी वर्तमान जिला मुख्यालय से डेढ़ सौ से दो सो किलोमीटर है। जिला बनने से विकास के नए पंख लगते। नोहर को जिला बनाने के लिए भादरा-रावतसर के साथ चुरु जिले के साहवा व तारानगर को शामिल किया जा सकता है। नोहर के अंदर सभी महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय मौजूद है। वही अगर हम क्षेत्रफल व जनसंख्या की बात करें तो दूदू से काफी बड़ा गांव है फेफाना तो नोहर की जनता के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है।
रविवार आज तमाम संगठन मौजूद रहे,, संघर्ष समिति के श्री राम व्यास , गौरव पारीक ,अंबेडकर संघ जिला अध्यक्ष आलोक बिबान, अनिल मटोरिया ,पूर्व उप प्रधान राम कुमार स्वामी , भीम आर्मी तहसील प्रभारी जय सिंह जोगपाल , अमर सिंह नायक ,आरएलपी ब्लॉक अध्यक्ष नारायण स्वामी ,राजेश बिजारणिया पल्लू, डॉ देवी लाल पारीक, वेद प्रकाश तिवारी ,टेंपो यूनियन अध्यक्ष शिवरतन पुरोहित ,युवा नेता आरिफ टाक, विप्र फाउंडेशन तहसील अध्यक्ष रमेश कुमार एबीवीपी नेता अर्जुन बेनीवाल, अशोक बेनीवाल पूर्व उप प्रधान धर्मवीर गोधा, विक्रम निर्माण ,विनोद सिखवाल ,जयप्रकाश तिवारी, आदित्य वर्मा, पूर्व पार्षद महबूब अली ,जयंत पंडा अ,निल सोनी राकेश हिसारिया ,जयपाल ब्राह्मण वासी ,राजेश कंक,र दीपक शर्मा सुरेंद्र सिहाग,एडवोकेट उमाकांत शर्मा,उमेश शर्मा सहित सैकड़ों संगठन के लोग मौजूद रहे,इस मौके पर व्यापारियों ने भी नोहर बंद को समर्थन दिया है।
विधानसभा में भी उठाई थी मांग-
विधायक अमित चाचाण ने बताया कि नोहर को जिला बनाने की मांग उन्होंने विधानसभा में भी उठाई थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर उन्होंने इस संबंध में पत्रावली भी सौंपी थी। राम लुभाया कमेटी को भी संपूर्ण पत्रावली सौंपी थी, नोहर भी जिला बनाना चाहिए था।
पूर्व विधायक व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक मटोरिया व पूर्व पंचायत समिति प्रधान अमरसिंह पूनिया ने बताया कि बड़े जिलों के 2 जिले बनाने की बात न्यायोचित लगती है। मगर, जब डिग, खेरतल, केकड़ी, दुद, अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, खेतडी, डिडवाना, जैसे उपखंड मुख्यालयों को जिला बनाया जा सकता है तो नोहर को भी जिला बनाया जाना चाहिए था।
वही अगर जनसंख्या, क्षेत्रफल दृष्टि से बात करे तो दूदू से बड़ा तो फेफाना गांव जो कि नोहर तहसील में है ऐसे में नोहर के साथ नाइंसाफी हुई है।