राजेश इंदौरा फेफाना
राजस्थान को वैसे भी भात मायरा के लिए जाना जाता है। यहां का नानी बाई का मायरा को जग प्रसिद्ध है। जब अपने भक्त नरसी जी की मदद करने स्वयं भगवान कृष्ण धरती पर मायरा भरने आए थे। कुछ ही वाक्या सामने आया है हनुमानगढ़ जिले के गांव नेठराना में। यहां भी एक अद्भुत मायरा देखने को मिला।
जानकारी के अनुसार भादरा तहसील के गांव नेठराना की बेटी मीरा जांडवाला बागड़ हरियाणा में ब्याही हुई है। मीरा के पति भी गुजर चुके हैं। सिर्फ 2 बेटियां ही है। मीरा का ना भाई है और पिता का साया भी सिर उठ चुका है। अब मीरा की बेटी यानि नेठराना की भांजी बिटिया की शादी थी। बेटी का पिता जोराराम बेनीवाल का बहुत पहले ही देहांत हो चुका था। अविवाहित भाई संतलाल भी गांव की पंजाबी बाबा की कुटिया में रहने लगा। वो भी कुटिया में सेवारत रहते इस दुनिया से चल बसा। मीरा अब जब भात का न्यौता देने पहुंची तो उसको अपने पिता व भाई न होने का मलाल हुआ। दुखी मन से उस बेटी ने अपने स्वर्गीय भाई की कुटिया को टिक्का (तिलक) निकाल दिया और कुटिया को भात को न्योता देकर अपने ससुराल चली गई। अब ग्रामीणों ने इकट्ठे होकर निर्णय लिया कि भात भरा जाए। ग्रामीणों ने सैंकड़ो की संख्या में इकट्ठे होकर लगभग 7 लाख रुपए का नगद भात, अन्य बान कन्या दान कपड़े समेत करीब 10 लाख रुपए का भात भरा है। गांव की बेटी का भरा गया यह भात अपने आप में खास और चर्चा का विषय बना हुआ है।
इसको देखकर ऐसा लगता है कि एक बार फिर से नरसी जी का भात चरितार्थ हुआ है।