चारणवासी.खेतों में मौसम बदलने से सरसों निकालने के लिए थ्रेसर चलने लगे है किसानों ने बताया कि कटी सरसों की फसल अच्छा भाव लेने के लिए सूखाकर निकालनी थी लेकिन मौसम परिवर्तन के बाद थ्रेसर से सरसों निकालने लगे है किसानों का कहना है कि मौसम का कोई भरोसा नहीं,हाथ में आई फसल ही छिन्न सकती है किसान ओमप्रकाश मेहरा,राजेन्द्र कुमार,भूपसिंह,पूर्णाराम सहित ने बताया कि पहले अगेती सरसों को आठ दिन जमी बर्फ से नुकसान हो चुका है मौसम बदलने से सरसों फसल खराब न हो जाए इसलिए किसान कटी सरसों की फसल को थ्रेसर से निकलवाकर सुरक्षित करने लगे है बर्फ से प्रभावित हुई अगेती सरसों की फसल से औसतन प्रति बीघा दो-ढाई क्विंटल उत्पादन हो रहा है किसानों की मानें तो प्रकृति के बाद भाव की मार झेलनी पड़ रही है पिछले वर्ष सीजन में समर्थन मूल्य 5050 रूपए और खुली बोली में 7000-7200 रूपए प्रति क्विंटल सरसों बिकने से अच्छी आमदन हुई लेकिन इस बार समर्थन मूल्य तो 400 बढ़ाकर 5450 रूपए कर दिया लेकिन खुली बोली में सरसों 5000-5200 रू प्रति क्विंटल के आसपास बिक रही है जिस कारण किसानों को नुकसान हो रहा है सरसों कटवाने के लिए किसान मजदूरों का सहारा ले रहे है मजदूर प्रति बीघा 1400-1500 रूपए में सरसों की फसल कटाई व इक्की करके दे रहे है
- Advertisement -
- Advertisement -