हनुमानगढ़
पिछले साल भी डेयरी में गाड़ी लगवाने के एवज में 40 हजार की घूस लेते कम्प्यूटर ऑपरेटर को पकड़ा था
एमडी के नाम से मांगी थी घूस, बाद में आरोपी ऑपरेटर मुकर गया तो बच गए एमडी
सीकर एसीबी के डीएसपी जाकिर अख्तर ने बताया कि एसीबी सीकर इकाई को परिवादी ने शिकायत दी कि उसने दूध सप्लाई के लिए श्रीगंगानगर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, हनुमानगढ़ में वाहन लगा रखे हैं। उसके दो वाहनों को बिना टैंडर चलाए रखने तथा टैंडर अवधि बढ़ाने की एवज में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ एमडी पवन कुमार गोयल 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। इसके लिए लगातार परेशान कर रहा है। एसीबी ने सत्यापन कराया तो शिकायत सही पाई गई। इसके बाद शुक्रवार को डीएसपी जाकिर अख्तर के नेतृत्व में सीआई सुरेश चंद एवं उनकी टीम ने डेयरी एमडी पीके गोयल पुत्र रामजीलाल निवासी मकान संख्या आई ब्लॉक 359, न्यू सिविल लाइन, हनुमानगढ़ जंक्शन को परिवादी से 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ में एसीबी की टीम जुटी हुई है। इस संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा।
ऑपरेटर ने ली थी एमडी के नाम पर घूस
दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड में गाड़ी लगवाने के एवज में पहले भी घूस लेने का मामला सामने आ चुका है। पिछले साल 27 अप्रेल को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते डेयरी के कम्प्यूटर ऑपरेटर को एसीबी हनुमानगढ़ ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोपी ने डेयरी एमडी के नाम पर घूस की मांग की थी। एसीबी को परिवादी आमोद सिहाग (27) पुत्र हरिराम सिहाग निवासी मक्कासर ने शिकायत दी थी कि वह दी श्रीगंगानगर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड हनुमानगढ़ जंक्शन में बोलेरो कैम्पर गाड़ी लगवाना चाहता था। इसके लिए टैंडर करने के एवज में एमडी के लिए आरोपी कम्प्यूटर ऑपरेटर योगेश पारीक (52) पुत्र कृष्ण कुमार निवासी मेहरवाला, टिब्बी हाल 9/27 हाऊसिंग बोर्ड जंक्शन ने 50 हजार रुपए घूस की मांगी। इसके बाद 26 अप्रेल को शिकायत का सत्यापन कराया गया। इसमें 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगने के तथ्य रिकॉर्ड में आए। इसके बाद टै्रप की कार्रवाई की तैयारी की गई। फिर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड हनुमानगढ़ जंक्शन में परिवादी आमोद सिहाग को 40 हजार रुपए देकर भेजे। आरोपी ऑपरेटर योगेश पारीक ने वह राशि ले ली। इसके बाद इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने धावा बोल दिया। आरोपी के कब्जे से घूस के 40 हजार रुपए बरामद कर लिए। मगर बाद में आरोपी ऑपरेटर ने एमडी का झूठा नाम लेकर घूस लेने का बयान दिया। ऐसे में उस प्रकरण में एमडी पीके गोयल एसीबी की गिरफ्त में आने से बच गए थे।