पर्यावरण संरक्षण के बारे में बातें बहुत होती है, लेकिन धरातल पर अब तक कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा। एक दिन पर्यावरण दिवस मनाकर हम भूल जाते हैं। घर में हर प्रकार की चर्चा होती है, लेकिन पर्यावरण को लेकर कोई बात नहीं होती। इसके लिए आमजन को जागरुक होना होगा और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। यह बात ‘लैंड फॉर लाइफ’ अवार्ड से सम्मानित प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी ने मंगलवार को जिला परिषद सभागार में देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी यात्रा के तहत हुए कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि पौधों को परिवार का हिस्सा बनाना होगा। जब तक हम पौधों को परिवार का सदस्य नहीं मानेंगे, तब तक पर्यावरण संरक्षण की बातें बेमानी हैं। इस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी होगी। आमजन को जागरुक करना होगा।
प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी ने देव जसनाथ पारिवारिक वानिकी यात्रा का उद्देश्य बीकानेर जिले की लूणकरणसर तहसील के डाबला तालाब को पर्यावरण तीर्थ के रूप में विकसित करना है। राजस्थान के 7 और पंजाब व हरियाणा के 2-2 जिलों में पारिवारिक वानिकी यात्रा जाएगी। इसके माध्यम से 100 रेगिस्तानी गांवों में इको जसनाथी समूहों का गठन किया जाएगा। डाबला तालाब में पर्यावरण तीर्थ के रूप में विकसित करने के लिए हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है। प्रतिदिन एक रुपया देकर बड़ा योगदान दे सकते हैं।
पारिवारिक वानिकी यात्रा की कलेक्टर ने की सराहना, बोले- हर काम में जन भागीदारी जरूरी
कलेक्टर नथमल डिडेल ने पारिवारिक वानिकी यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छी मुहिम चलाई जा रही है।
उन्होंने स्कूल व कॉलेज के युवाओं को भी पर्यावरण संरक्षण की मुहिम से जोड़ने का आह्वान किया। कलेक्टर ने कहा कि आमतौर पर सरकार के निर्देश पर सरकारी कार्यालयों में सरकारी कार्यक्रम होते हैं। जब तक हर कार्य में आमजन की भागीदारी नहीं होगी तब तक सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिलता। कार्यक्रम में जूली फ्लोरा की समस्या बताए जाने पर कलेक्टर ने कहा कि इनको नष्ट करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। हर सप्ताह शनिवार और रविवार को अभियान चलाया जाएगा। डीएफओ करणसिंह काजला ने कहा कि प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी को भूमि संरक्षण के संबंध में विश्व का सर्वोच्च सम्मान मिलना सभी के लिए सम्मान की बात है। जिला परिषद के जिला समन्वयक आईईसी पदमेश सिहाग ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पारिवारिक वानिकी के तहत जिले में हुए पौधरोपण के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर सेवानिवृत एक्सईएन एनआर ज्याणी, हुकमाराम, कृष्ण चाहर, अनिल कुमार, लाधूसिंह भाटी, नितिन चुघ आदि ने भी विचार व्यक्त किए।