किसानों को तोहफा: मोदी सरकार ने की रबी फसलों के MSP की घोषणा, जानिए अन्नदाताओं को कितना होगा फायदा
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इस बैठक में किसानों के हितों के लिए बड़ा फैसला लिया गया।
रबी फसलों का एमएसपी बढ़ा
आज कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों तो बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सैफलॉवर का एमएसपी बढ़ा दिया गया है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने के बाद किसानों को गेहूं और सरसों पर उपज की लागत का दोगुना रिटर्न मिलेगा। कैबिनेट बैठक के बाद बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दावा कि गेहूं पर प्रति क्विंटल 40 रुपये और सरसों पर 400 रुपये की बढ़ोतरी से किसानों की आय में बड़ा इजाफा होगा।केंद्रीय मंत्री ने कहा, मोदी सरकार तिलहन उपज बढ़ाने के लिए सरकार को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। यही कारण है कि सरसों पर एमएसपी एकमुश्त 400 रुपये बढ़ाया है। इस फसल पर किसानों को उनकी लागत का दोगुना रिटर्न भी मिलेगा। सरकार हर साल रबी और खरीफ सीजन को मिलाकर कुल 23 फसलों का एमएसपी तय करती है। गेहूं और सरसों रबी सीजन की प्रमुख फसलें हैं।
गेहूं पर किसानों की लागत प्रति क्विंटल 1,008 रुपये आती है, जबकि एमएसपी अब दोगुना बढ़कर 2,015 रुपये पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि बजट 2018-19 में ही हमारी सरकार ने तय किया था कि किसानों को उनकी उपज लागत का कम से कम 1.5 गुना रिटर्न मिलना चाहिए। रबी फसलों के लिए इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।
किस फसल पर कितनी बढ़ोतरी
फसल बढ़ोतरी भाव/क्विंटल
गेहूं 40 रुपये 2,015 रुपये
जौ 35 रुपये 1,635 रुपये
चना 130 रुपये 5,230 रुपये
मसूर 400 रुपये 5,500 रुपये
सरसों 400 रुपये 5,050 रुपये
सूरजमुखी 114 रुपये 5,441 रुपये
लागत का डेढ़ गुना रिटर्न पक्का
फसल लागत/क्विंटल रिटर्न
गेहूं 1,008 रुपये 100 फीसदी
सरसों 2,500 रुपये 100 फीसदी
मसूर 3,100 रुपये 79 फीसदी
चना 3,050 रुपये 74 फीसदी
जौ 1,050 रुपये 60 फीसदी
सूरजमुखी 3,600 50 फीसदी
पीएलआई योजना में कपड़ा क्षेत्र को 10,683 करोड़ प्रोत्साहन
कैबिनेट ने भारतीय कपड़ा क्षेत्र को वैश्विक स्तर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 10,683 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना का 7.5 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और भारतीय कपड़ा क्षेत्र को वैश्विक प्रतियोगिता में बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
घरेलू उत्पादकों को पीएलआई योजना में शामिल किए जाने से जल्द ही कपड़ा उत्पादन क्षेत्र में भारत का प्रभाव दिखेगा। गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के दम पर हमारी कंपनियां दुनियाभर में अपनी पहचान बनाएंगी। योजना के तहत टीयर 3 और टीयर 4 शहरों के पास स्थित कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी।
यूपी सहित कई राज्यों में बढ़ेगा रोजगार
योजना का सीधा लाभ यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों को मिलेगा। कंपनियां यहां रोजगार बढ़ाने पर भी जोर देंगी, क्योंकि योजना के तहत रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
लगातार बढ़ रही है एमएसपी की दर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, ‘कुछ लोग यह गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं की एमएसपी बंद कर दिया जाएगा। लेकिन इसके विपरीत कृषि कानूनों के लागू होने के बाद एमएसपी पर फसलों की खरीद और एमएसपी की दर लगातार बढ़ रही है।
क्या है एमएसपी?
न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सरकार किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज की पूरी मात्रा खरीदने के लिए तैयार रहती है। जब बाजार में कृषि उत्पादों का मूल्य गिर रहा होता है, तब सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद खरीदकर उनके हितों की रक्षा करती है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा फसल बोने से पहले ही कर दी जाती है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य वास्तव में वो कीमत है, जो साल में दो बार रबी और खरीफ की फसल के समय क्राॅप साइकल से पहले घोषित की जाती है. यानी सरकार गारंटी देती है कि किसानों को फसल का कम से कम मूल्य तो मिलेगा ही भले ही सरकार को फसल खरीदना पड़े. यह व्यवस्था कुछ बड़ी फसलों के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी द्वारा एक कमीशन की सिफारिश के बाद की गई थी.
MSP के तहत बुवाई से लेकर कृषि श्रम तक कई तरह की कीमतों को शामिल किया जाता है. वर्तमान में 23 प्रमुख फसलों के लिए यह व्यवस्था लागू है. इन फसलों में चावल, गेहूं, ज्वार, जौ, बाजरा, मक्का और रागी के साथ ही पांच किस्म की दालें, 8 तरह के तेल बीज, कच्चा कपास व जूट, खोपरा, गन्ना और वीएफसी तंबाकू शामिल हैं.