जयलाल वर्मा, राजेश इंदौरा –
नोहर फीडर में नहराना हेड से गुरूवार सुबह से लगभग 105 क्यूसेक पानी छोड़ा गया,जो फेफाना हेड पर लगभग 70 क्यूसेक पहुंचने लगा जो जसाना वितरिका में प्रवाह किया जा रहा है बताते चलें कि गांव ढुकड़ा के पास बुधवार को बरवाली नहर में आए कटाव से नोहर फीडर को खतरा देखते हुए बंद की गई थी जिस कारण 2 से 10 जनवरी के रेगुलेशन के प्रथम वरीयता में चलने वाली जसाना वितरिका व दित्तीय वरीयता जनानिया,मलवानी,खिनानिया माइनर रात भर से खाली हो जाने से किसानों की बारियां पिट गई, विभाग के एसई मूलसिंह ने बताया कि पुन:पानी की आवक शुरू होने से पहले जसाना वितरिका की आपूर्ति होगी,पानी और बढ़ेगा।
2 साल में 3 बार नहर टूटी,हर बार जसाना वितरिका को नुकसान:
बताते चलें कि हरियाणा में तीन बार नहर टूट चुकी है हर बार जसाना वितरिका ही रेगुलेशन के प्रथम वरीयता में होती है नतीजन पूरा खामियाजा जसाना वितरिका के किसानों को भुगतना पड़ रहा है 29 जुलाई 2022 को नहराना हेड के पास नोहर फीडर टूटी जब 26 जुलाई से 3 अगस्त व 1 नवबंर 2022 को गांव ढुकड़ा के पास नोहर फीडर टूटी जब 30 अक्टूबर – 7 नवबंर व 4 जनवरी 2023 को ढुकड़ा के पास टूटी बरवाली नहर जब 2 से 10 जनवरी तक के रेगुलेशन में जसाना वितरिका प्रथम वरीयता में थी।
नहर टूटने से हुए पानी के नुकसान की भरपाई की मांग पर 6 नवंबर को नोहर के किसान आंदोलन में एसई मूलसिंह जाट ने 15 से 23 नवंबर तक के रेगुलेशन की द्वित्तीय वरीयता में चलने वाली जसाना वितरिका में पूरा पानी लेकर भरपाई करने का समझौता किया था लेकिन एक बार भी भरपाई के लिए अतिरिक्त पानी नहीं दिला पाया विभाग,
किसान कृष्ण बिजारणियां, ओमप्रकाश, सरदार गुरमेल सिंह, रामकुमार सहारण ने बताया कि जसाना वितरिका के किसान पहले गेहूं की बिजाई व सरसों में प्रथम सिंचाई के पानी को तरसे और अब गेहूं सिंचाई पर संकट मडरा गया,किसान आंदोलन का भी विभाग पर कोई असर नहर नहीं आ रही,बताते चलें कि 24 दिसंबर 2021 से 3 किसान 10 दिन जसाना में पानी की टंकी पर रहे और 35 दिन धरना चला, 13 दिन नवंबर में किसान कलेक्टर कार्यलय के आगे अनशन पर रहे,14-15 दिसबंर 2022 को नोहर सिंचाई कार्यलय के आगे धरना लगा चुके,ऐसी स्थिति में ये कह सकते है कि खेती कार्य से ज्यादा समय नोहर फीडर के किसान ज्ञापन,आमरन अनशन,धरना,प्रर्दशन सहित आंदोलन करते है लेकिन परिणाम शून्य रहता है