उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग के आरक्षण के मुद्दे को समाजवादी पार्टी पूरे जोर शोर से उठाने की तैयारी कर रही है। लगातार इस मुद्दे को धार देने के लिए पार्टी अब गाँव गाँव जाएगी। समाजवादी पार्टी का कहना है की वो लोगो को बताएगी की भाजपा सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत न्यायलय में सही तथ्य पेश नहीं किये हैं। आरक्षण के इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने विधानसभा क्षेत्र के अनुसार ‘संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ’ यात्रा निकालने की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके जरिए पार्टी पिछड़ों और दलितों को पार्टी के हित में साधने की कोशिश करेगी।
समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव को लेकर आए हुए हाईकोर्ट के फैसले को संविधान विरोधी बताया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है। समाजवादी पार्टी अखिलेश के इस आरोप को हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देकर जनता के बीच सुबूत के रूप में प्रस्तुत करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि भाजपा के संविधान विरोधी होने का इसके अलावा किसी अन्य सुबूत की जरूरत नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि अभी तक उत्तर प्रदेश में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि की तैनाती क्यों नहीं की गई। नरेश उत्तम का कहना है की यदि आयोग सक्रिय होता तो कुछ हद तक संभव है कि वह आरक्षण की मनमानी पर अंकुश लगाता। उन्होंने कहा कि सपा इस मुद्दे को लेकर हर प्रदेशवासी के दरवाजे पर जाएगी और उन्हें बताएगी कि किस तरह से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान में किए गए प्रावधानों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
वहीँ दूसरी तरफ सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव का कहना है की वह कार्यकर्ताओं के साथ इस मुद्दे को लेकर हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। जल्द ही गांव-गांव यात्रा निकाली जाएगी। पार्टी के नेता एकजुट होकर अपने इलाके में मतदाताओं के बीच पैठ बनाएंगे। अभी भाजपा का साथ देने वाली पिछड़े वर्ग की जातियों को भी लक्ष्य बनाया जाएगा। उन्हें समझाया जाएगा कि भाजपा के इशारे पर नौकरशाही आरक्षण को समाप्त करने की साजिश रच रही है।