बिहार सरकार कृषि विभाग को हाईटेक बनाने की कवायद में जुटी है. इस सिलसिले में कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए जा रहे हैं। अभी तक कृषि यंत्रों के खराब होने और संबंधित समस्याओं के कारण किसान को लगातार कृषि दुकानों और मरम्मत प्रतिष्ठानों के चक्कर लगाने पड़ते थे। जिससे किसानों की फसल भी प्रभावित हुई है।
रोड मैप तैयार करें
बिहार सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप 2023 से साइट पर 28 कृषि मशीनरी की मरम्मत करने की योजना बनाई है। इसके लिए विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके तहत आने वाले दिनों में भोजपुर, मुजफ्फरपुर और पूर्णा के किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही तीन साल में सभी पंचायतों के लिए एक-एक टेक्नीशियन तैयार किया जाएगा।
बिहार सरकार का कृषि विभाग इसके लिए 2.76 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करेगा। इस योजना के तहत कृषि मशीनरी की मरम्मत के लिए राज्य भर में 8400 प्रशिक्षित तकनीशियन होंगे। कुल मिलाकर बिहार की सभी पंचायतों में सहायक तकनीशियन भेजे जाएंगे। तकनीशियन पंचायतों में जाकर किसानों को प्रशिक्षण देंगे और उनकी मशीनें ठीक करेंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है।
जिससे किसान अपनी इच्छानुसार तकनीशियनों से संपर्क कर सकेंगे। बिहार सरकार ने कृषि मशीनरी निर्माताओं को तकनीशियनों की बहाली की भी अनुमति दे दी है. अधिकारियों का कहना है कि वे प्रशिक्षित मिस्रवासियों को मानदेय के साथ अपना प्रतिनिधि नियुक्त करेंगे और उन्हें अपनी मशीनों पर अलग से विशेष प्रशिक्षण देंगे।
प्रशिक्षण स्थल तैयार
बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा उनके प्रशिक्षण स्थल का चयन किया गया है। जिसमें भागलपुर, कटिहार, मधेपुरा, मुंगेर व बांका जिले के विभिन्न पंचायतों के युवाओं का भ्रमण डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 26 दिवसीय प्रशिक्षण में किसानों को कृषि यंत्रों की मरम्मत के साथ ही कृषि यंत्रों पर अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2023 की शुरुआत में भोजपुर, मुजफ्फरपुर और पूर्णा में कार्यशालाओं में प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा. तीन साल के भीतर सभी पंचायतों के लिए टेक्नीशियन तैयार करने का लक्ष्य होगा। कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि तीन साल के भीतर सभी पंचायतों के लिए एक मिस्त्र तैयार किया जाएगा। इससे किसानों को सस्ती दरों पर कृषि यंत्रों की मरम्मत करने की सुविधा मिलेगी और प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।