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Thursday, March 30, 2023

अर्थी निकलते ही मां बोलीं- बेटे को देखना है:चीखों से गूंज रहा बैंक मैनेजर का घर; पत्नी बोलीं- वादा तोड़ गए

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कश्मीर में टारगेट किलिंग का शिकार हुए बैंक मैनेजर विजय कुमार का घर चीखों से गूंज रहा है। घर से अर्थी निकलने के बाद मां बार-बार यही कह रही है कि मुझे मेरा बेटा देखने दो। मां के साथ पत्नी भी बार-बार बेसुध हो रहीं हैं। होश आते ही विजय का नाम लेकर दोनों उसे पुकारने लगते हैं।

विजय की गुरुवार को एक आतंकी ने कश्मीर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पत्नी शुक्रवार सुबह विजय का शव लेकर हनुमानगढ़ जिले के भगवान गांव पहुंची। पूरे रास्ते अकेली खुद को हिम्मत बंधाती रही। घर पहुंचते ही वह बिलख-बिलख कर रो पड़ी।

 

सास ने उसे अपनी गोद में छिपा लिया। कहती रही कि रो मत, मुझे भी देखा। मैंने भी अपना जवान बेटा खोया है। ससुर ने भी हिम्मत बंधाई, लेकिन वह यह मानने को तैयार नहीं थी कि सात जन्मों का बंधन इस तरह चार महीने में ही टूट जाएगा।

 

अर्थी निकलते ही मां बोलीं- बेटे को देखना है:चीखों से गूंज रहा बैंक मैनेजर का घर; पत्नी बोलीं- वादा तोड़ गए

 

कश्मीर में टारगेट किलिंग का शिकार हुए बैंक मैनेजर विजय कुमार का घर चीखों से गूंज रहा है। घर से अर्थी निकलने के बाद मां बार-बार यही कह रही है कि मुझे मेरा बेटा देखने दो। मां के साथ पत्नी भी बार-बार बेसुध हो रहीं हैं। होश आते ही विजय का नाम लेकर दोनों उसे पुकारने लगते हैं।

 

विजय की गुरुवार को एक आतंकी ने कश्मीर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पत्नी शुक्रवार सुबह विजय का शव लेकर हनुमानगढ़ जिले के भगवान गांव पहुंची। पूरे रास्ते अकेली खुद को हिम्मत बंधाती रही। घर पहुंचते ही वह बिलख-बिलख कर रो पड़ी।

 

सास ने उसे अपनी गोद में छिपा लिया। कहती रही कि रो मत, मुझे भी देखा। मैंने भी अपना जवान बेटा खोया है। ससुर ने भी हिम्मत बंधाई, लेकिन वह यह मानने को तैयार नहीं थी कि सात जन्मों का बंधन इस तरह चार महीने में ही टूट जाएगा।

4 महीने पहले विजय और मनोज कुमारी की शादी हुई थी। एक महीने पहले ही वह कश्मीर गई थीl

वह बार-बार यह बुदबुदाती रही कि विजय ने तो हमेशा साथ देने का वादा किया था। इसीलिए तो अपने पास भी बुला लिया था तो फिर अपना वादा क्यों तोड़ा।

 

परिवार के सदस्यों ने मां-पत्नी को अलग से एक कमरे में सुला दिया है, लेकिन विजय की याद आते ही उसे आवाज देने लगती है। पत्नी, पति को याद कर बेसुध हो जाती है। उन्हें बार-बार वही मंजर याद आ रहा है।

 

पत्नी की सरकारी नौकरी का सपना अधूरा

विजय चाहते थे कि उनकी पत्नी मनोज कुमारी की भी सरकारी नौकरी लगे। दोनों ने यही प्लान बनाया था कि बैंक सेवा में कैडर चैंज का एग्जाम देकर विजय अपना ट्रांसफार्मर राजस्थान करवा लेंगे। पत्नी की भी नौकरी लग जाएगी तो सब ठीक हो जाएगा। मनोज कुमारी ने रीट का एग्जाम भी दिया था। इसमें उनके 120 अंक आए थे, लेकिन फिर वह परीक्षा निरस्त हो गई।

विजय की पत्नी अब भी बेसुध है। उसका सपना था कि उसकी पत्नी सरकारी टीचर में नौकरी लग जाए।

ब्याह कर आए थे तो मां ने कहा था, किसी की नजर ना लगे। विजय और मनोज कुमारी की शादी इसी साल 10 फरवरी को हुई थी। घर परिवार और गांव वाले बताते हैं कि दोनों की जोड़ी खूब जचती थी। दोनों एक दूसरे को बेहद प्यार करते थे।। मां ने घर की दहलीज पर जब बेटे को अंतिम यात्रा पर जाते देखा तो अचेत हो गई। बस, यहीं कहती रही कि हे भगवान, तूने ये क्या किया।

 

साथी बोले- सरकार बदला ले विजय के पार्थिव शरीर के साथ उनके साथी भी कश्मीर से गांव आए थे। अंतिम संस्कार के दौरान ही मांग उठाई कि सरकार आतंकियों से बदला ले। ग्रामीण विजय अमर रहे के नारे लगा रहे थे। विजय के अंतिम संस्कार में आसपास के गांवों से भी लोग शामिल हुए। पिता की स्कूल के सभी शिक्षक और क्षेत्र के सभी बैंकों के प्रतिनिधि भी अंतिम संस्कार में पहुंचे।

 

शादी के 10 दिन बाद ही विजय ने ड्यूटी जॉइन कर ली थी। मौत से दो दिन पहले ही कॉल कर बताया था कि वह जुलाई में आएगा।

जम्मू कश्मीर में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के करीब 300 युवा बैंक में कार्यरत हैं। इनमें लड़कियां भी शामिल हैं। विजय के अंतिम संस्कार में आई कई ऐसे लोगों ने कहा कि हम लोग नौकरी छोड़कर भी नहीं आ सकते। हमारा तबादला भी नहीं हो सकता। इसलिए सरकार हमारी सुरक्षा की गारंटी दे।

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