डूंगरपुर के फाइनेंस कंपनी बिछीवाड़ा का ब्रांच मैनेजर 31.24 लाख रुपए का गबन कर फरार हो गया। आरोपी ने महिला समूह के लोन की किश्तों को बैंक खाते में जमा नहीं करवाकर इनका गबन कर लिया। मामले में अब ब्रांच मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है। वहीं पुलिस आरोपी ब्रांच मैनेजर की तलाश शुरू कर दी है।
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बिछीवाड़ा थानाधिकारी अनिल देवल ने बताया कि भारत फाइनेंस इंकल्यूशन लिमिटेड (इंड्सइंड बैंक) के ब्रांच मैनेजर रोशन शर्मा निवासी चौमूं जयपुर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। रिपोर्ट में उसने बताया कि उनका बैंक ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महिला समूह को लोन दिलाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का काम करते है। वहीं ब्रांच के फील्ड ऑफिसर लोन के रूप में दिए रुपयों की रिकवरी कर ब्रांच में जमा करवाते हैं। वहीं ब्रांच मैनेजर इन रुपयों को फाइनेंस कंपनी के एसबीआई के खाते में जमा करवाते हैं। ब्रांच में पूर्व में मैनेजर के पद पर दीपेंद्र सिंह पुत्र बजरंग सिंह राठौड़ निवासी सावली जिला सीकर कार्यरत थे। ब्रांच मैनेजर ने पद का दुरुपयोग करते हुए 1 दिसंबर 2022 को एसबीआई शाखा बिछीवाड़ा में 9 लाख 50 हजार रुपए की डुप्लीकेट रसीद बनाकर बैंक में जमा नहीं करवाए और ये रुपया अपने पास ही रख लिया। उसी दिन 6 लाख 64 हजार रुपए के फर्जी वाउचर बनाए, लेकिन पैसा बैंक में जमा नहीं करवाया और ये रुपए भी रख लिए। 3 दिसंबर 2022 को ब्रांच के क्रेडिट मैनेजर महेंद्र कुमार के नाम से एसबीआई बिछीवाड़ा में 6 लाख रुपए की डुप्लीकेट रसीद बनाकर उस पर फर्जी मोहर लगाई और रुपए जमा नहीं करवाए। ये पूरा पैसा भी गबन कर लिया। उसी दिन ब्रांच क्रेडिट मैनेजर महेंद्र कुमार के नाम से एसबीआई बिछीवाड़ा में 4 लाख रुपए की डुप्लीकेट रसीद बनाई। उस पर फर्जी मोहर लगाकर रुपए हड़प लिए।
ब्रांच मैनेजर दीपेंद्र सिंह ने करीब 15 मेंबरों को प्रति मेंबर 34 हजार रुपए का लोन भी स्वीकृत करवाया, लेकिन ये राशि अपने मिलने वालों के खातों में जमा करवा दी। इस तरह 5 लाख 10 हजार रुपए अपने मिलने वालों के खातों में जमा करवाए। इसके बाद ब्रांच मैनेजर दीपेंद्र सिंह बिना छुट्टी लिए ही चला गया और मोबाइल फोन भी बंद कर लिया। शक होने पर बैंक में जमा राशि का पूरा स्टेटमेंट मांगा तो पता चला की पूरी राशि बैंक में जमा नहीं हुई है। इससे गबन का पता चला। इसके बाद पूरे मामले की सूचना बैंक के बड़े अधिकारियों को दी। बैंक में जमा राशि का वेरिफिकेशन करवाया। इसमें दीपेंद्र सिंह की ओर से 31 लाख 24 हजार रुपए का गबन मिला। वहीं ये भी पता चला की दीपेंद्र सिंह ने गबन के साथ ही फर्जी रसीदें भी रिकॉर्ड से गायब कर दी हैं। दीपेंद्र सिंह के गबन को लेकर अधिकारियों ने उससे बात भी की, लेकिन उसने रुपए लौटाने की जगह बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। थानाधिकारी अनिल देवल ने बताया की मामले में फर्जी रसीद से रुपए का गबन करने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं फरार ब्रांच मैनेजर दीपेंद्र सिंह राठौड़ की भी तलाश की जा रही है।
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