लखनऊ उत्तरप्रदेश।
पूर्वांचल के सबसे बड़े डॉन मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। ये सजा कांग्रेस नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय मर्डर केस और एडिशनल एसपी पर किए गए हमले समेत कुल 5 मामलों में सुनाई गई है।
पिछले 84 दिन के अंदर कोर्ट मुख्तार अंसारी को अलग-अलग मामले में 3 बार सजा सुना चुकी है।महात्मा गांधी जिस वक्त देश की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे उस वक्त मुख्तार अंसारी के दादा कांग्रेस नेता मुख्तार अहमद अंसारी उनके साथ थे। मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान आजादी के संग्राम में लड़ाई लड़ रहे थे।
आजादी के बाद पाकिस्तान जाने का प्रस्ताव आया तो कह दिया, “लड़ा है इस देश के लिए मरेंगे भी इस देश के लिए।” मुख्तार अंसारी के पिता इतने सादगी पसंद और सम्मानित व्यक्ति थे कि नगर पालिका के चुनाव में उतरे तो बाकी लोगों ने पर्चा वापस ले लिया। मुख्तार के चाचा हामिद अंसारी दो बार देश के उपराष्ट्रपति रहे।
इतने समृद्ध परिवार से होने के बावजूद मुख्तार ने परिवार के नक्शेकदम पर चलने के बजाय अपराध की दुनिया को चुना।साधु की मौत के बाद मुख्तार कमजोर हुआ। बाहुबल को बढ़ाने के लिए उसने चुनाव लड़ने का फैसला किया। राजनीतिक रसूख इतना था ही कि कोई पार्टी टिकट देने से मना नहीं कर सकती।
मुख्तार ने मायावती पर भरोसा जताया और बसपा के टिकट पर मऊ सीट से चुनाव में उतर गए। मुख्तार ने बीजेपी के विजय प्रताप सिंह को 26 हजार वोट से हरा दिया। इस जीत के बाद मुख्तार की ताकत और संपत्ति में जबरदस्त इजाफा हो गया।