देहरादून उत्तराखण्ड। उत्तराखंड के कॉलेजों में होने वाले छात्र संघ चुनावों को लेकरछात्र संगठनों की सियासत तेज हो गई है। इस बीच एबीवीपी ने कैंपस चुनावों में हार से सबक लेते हुए पुराने बागियों की घर वापसी कर बड़ी जीत हासिल कर ली है। डीएवी के 8 पूर्व छात्र संघ अध्यक्षों ने एक बार फिर एबीवीपी का दामन थाम लिया है। ये 8 पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष 2019 के छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी से अलग होकर बागी हो गए थे। जिसके कारण 2019 में एबीवीपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। अब इन बागियों के सहारे एबीवीपी इस छात्र संघ चुनाव में फिर सेइतिहास रचने की कोशिश में जुट गई है।उत्तराखंड की छात्र राजनीति में डीएवी कॉलेज का इतिहास काफी अहम माना जाता है। छात्र संगठनों में सबसे ज्यादा मारामारी डीएवी कॉलेज की कुर्सी को लेकर नजर आती है। ऐसे में एबीवीपी के लिए 2022 छात्र संघ चुनाव काफी अहम हो गए हैं। अभी तक तीन कैंपस चुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए एबीवीपी ने अपना पुराना कुनबा जोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है। छात्र नेता रहे ओम कक्कड़ के साथ डीएवी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राहुल रावत, अंशुल चावला, आशीष रावत,सिद्धार्थ राणा, राहुल लारा, शुभम सिमल्टी, जितेंद्र बिष्ट, निखिल शर्मा एबीवीपी में शामिल हो गए।
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