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Wednesday, March 29, 2023

जून में होनी थी शादी, मां ने अंतिम यात्रा से पहले बेटे शुभदीप सिद्धू को पहनाया “सेहरा” सिद्धू मूसेवाला का उनके पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, चाहनेवालों की उमड़ी भीड़

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पंजाब के मशहूर गायक अभिनेता और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की रविवार को हत्या कर दी गई थी. आज उनका अंतिम संस्कार किया गया.।
पंजाब के मशहूर गायक अभिनेता और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) का उनका पैतृक गांव मूसा (Musa Village) में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. सिद्धू मूसेवाला की अंतिम यात्रा उनके सबसे पसंदीदा ट्रैक्टर में निकाली गई थी. ट्रैक्टर में उनके पार्थिव शरीर के साथ माता-पिता भी मौजूद थे. अंतिम यात्रा के दौरान सिद्धू के पिता बेहद भावुक नजर आए इस दौरान इन्होंने अपनी पगड़ी तक उतार दी. अंमित संस्कार से पहले सिद्धू मूसेवाला को लाल रंग की पगड़ी भी पहनाई गई.
सिद्धू मूसेवाला के आखिरी सफर में हज़ारों चाहने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी है. सिद्धू मूसेवाला के पिता उन्हें मुखाग्नि दी. मूसेवाला की रविवार को पंजाब के मानसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. मूसेवाला (27) कांग्रेस नेता भी थे. पंजाब सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा वापस लिए जाने के एक दिन बाद यह घटना हुई

 

पंजाबी इंडस्ट्री के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) की हत्या से हर कोई सन्न रह गया है। जिसने भी सुना तो एक बार में भरोसा करना मुश्किल हुआ। वहीं, अब सिद्धू मूसेवाला के पिता का बयान आया है। उनके बयान से इस मामले में नया मोड़ आता दिखाई दे रहा है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद एफआईआर की गई है, इसमें उनके पिता का बयान है।
सिद्धू मूसेवाला ने घर पर छोड़ दी थी बुलेटप्रूफ कार
सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकार सिंह ने पंजाब पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने बताया है कि उनके बेटे को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे पर हुए हमले के गवाह हैं। बलकार सिंह ने बताया, ‘रविवार को मेरा बेटा और अपने दो दोस्तों गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह थार कार से निकला था। वह अपनी बुलेटप्रूफ कार और दो गार्ड को घर पर ही छोड़ गया था। मैं उसके पीछे उसके सरकारी गनमैन लेकर दूसरी गाड़ी से गया था।’
सिद्धू मूसेवाला पर अंधाधुंध फायरिंग

बलकार सिंह ने आगे बताया, ‘मैंने रास्ते में एक गाड़ी को मेरे बेटे की कार का पीछा करते हुए देखा, उसमें चार लोग सवार थे। जब मेरे बेटे की कार जवाहरके गांव के बाहरी रास्ते पर पहुंची तो सफेद रंग की गाड़ी पहले से ही वहां खड़ी और उसमें चार लोग थे। मेरे बेटे की थार जैसे ही उस गाड़ी के सामने पहुंची, उन लोगों ने थार पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इसके बाद वग अपनी दोनों गाड़ी लेकर फरार हो गए। मैंने शोर मचाकर आसपास के लोगों को इकट्ठा किया और बेटे को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई।

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