हेड से पूर्व दिशा में वापीस ले जाते है पानी,बिना क्षमता बढ़ाए निकाल रहे मोघे,माइनर।
नोहर फिडर रिपोर्ट – राजेश इंदौरा,जयलाल वर्मा
हरियाणा में नोहर फीडर का पानी हर प्वाइंट पर खुर्द-बुर्द होता हैं,आज पढि़ए सरेआम पानी चोरी कैसे हो रहा है,नहराना हेड से बरवाली नहर में निर्धारण 218 क्यू.पानी प्रवाह होता हैं जिसमें बरवाली का हिस्सा 112 क्यू.पानी ही हरियाणा के मोघो में प्रवाहित होना चाहिए, लेकिन नहराना हेड से चार सीपी तक 27 किमी में बरवाली नहर में लगे अनुचित साइज के 47 मोघे ओर 2 अवैध निकल रहे माइनरों में हरियाणा के हिस्से का 112 के साथ नोहर फीडर के हिस्से का 106 क्यू.पानी भी निकाल लिया जाता है। ओर चार सीपी हेड से बरवाली में हिस्से का पानी नोहर फीडर में प्रवाह नहीं होता।
इसके अलावा नहराना से चार सीपी हेड पर नोहर फीडर में आने वाले पानी में से भी मल्लैका माइनर में छोड़ चलाया जाता है जिस कारण नोहर फीडर की आवक घट जाती है। सबसे खास बात बताते चलें कि अकेली नोहर फीडर में पानी आने पर चार सीपी हेड के संगम स्थल से बरवाली नहर का थोड़ा गेट उठाकर वापीस पूर्व दिशा में नहराना हेड की तरफ 30-35 क्यू.पानी चलाया जाता है जिससे हेड के दो किमी दायरे में मोघे प्रवाह होते हैं।
14 जुलाई को चार सीपी हेड विभाग के अधिकारियों के साथ गए किसानों के शिष्टमंडल को संगम स्थल से वापीस बरवाली में गेट के नीचे ईंट लगाकर पानी प्रवाह होता पाया,वहां के कर्मचारियों ने गेट खराब का तर्क दिया लेकिन किसानों ने पानी में उतरकर
नीचे से ईंट निकालकर पूरा गेट बंद किया। ऐसे पानी खुर्द-बुर्द होता है। वर्तमान में नोहर फीडर में लगभग 150 क्यू.पानी छोड़ा जा रहा है बरवाली से 106 क्यू.मिल जाए तो क्षेत्र की नहरें,माइनर फीड हो कसते हैं।
मल्लेंका को साइफन से जोडऩे की उठती है मांग
संयुक्त किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामकुमार सहारण ने बताया कि मल्लैका माइनर बरवाली नहर का होने के कारण वर्षो से माइनर को सीधा साइफन से जोडऩे ओर चार सीपी हेड पर अस्थाई प्रदेश का कर्मचरी लगाने का जनवरी में जसाना में विभाग ने लिखित समझौता किया था। लेकिन विभाग किसानों को सिर्फ गुमराह करने का कम करता है,सच ये है कि विभाग पूरा पानी लेना ही नहीं चाहता।
पानी बढ़ा नहीं,माइनर निकाल लिए
एनपी 11 के अध्यक्ष काशीराम ढुकिया ने बताया कि बरवाली का निर्धारण 218 के बाद बिना पानी की क्षमता बढ़ाए हरियाणा ने गुडिय़ा 22,मल्लेका 37 क्यू. पानी के माइनर ओर जमीन कमांड कर मोघे लगाने का सिलसिला जारी है,जिसका नुकसान नोहर फीडर के किसानों को हो रहा है,