सड़क के समतलीकरण में ब्लास्ट पत्थर कम ओर मिट्टी ज्यादा डालने पर प्रधान ने तीन घंटा जनानियां – नोहर सड़क का कार्य करवाया बंद
राजेश इंदौरा फेफाना-
हरियाणा (बार्डर)जनानिया से लेकर भादरा मोड़ तक बनने वाली सड़क के कार्य में फर्म द्वारा सड़क के समतलीकरण में ब्लास्ट पत्थर के साथ ज्यादा मिट्टी डालने पर प्रधान सोहन ढिल ने कार्य को तीन चार घंटा बंद करवाकर पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन सहित उच्चधिकारियों को अवगत करवाया। प्रधान ने बताया कि ज्यादा ब्लास्ट पत्थर ओर कम मिट्टी मिक्स कर डाली जाती है। लेकिन फर्म द्वारा 70 मिट्टी ओर 30 प्रतिशत ब्लास्ट पत्थर डाला जा रहा था। मौके पर भरी ट्रालियों को खाली करवाई गई। वहीं सड़क में निर्माण से पहले ही झफ बन गये। सड़क की अनुचित गुणवत्ता से हो निर्माण की जानकारी विधायक अमित चाचाण को दी। प्रधान सोहनलाल ढिल ने बताया कि घटिया सामग्री से सड़क बनाने को लेकर जिला कलेक्टर सहित उच्चधिकारियों, मंत्री तक पत्राचार करेंगे। सरपंच मैनावती जयाणी ने बताया कि इससे पहले ऐसा ही ब्लास्ट पत्थर ओर मिक्स डालने पर कार्य रुकवाया गया था। प्रधान ने एक्सईएन पदम प्रकाश कोठारी को सड़क निर्माण की देखभाल के लिए जेईएन तैनात करने के आदेश दिए।
सड़क चौड़ीकरण में मिट्टी की मात्रा अधिक रखी:
सड़क के दोनों तरफ बढ़ाई गई चौड़ाई में भी पीली कंक्रीट की जगह टीले की रेत का इस्तेमाल ज्यादा किया गया है इसलिए सड़क बैठने का खतरा रहेगा। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कई जगह प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव में फर्म द्वारा सड़क का सीमा ज्ञान भी सही नहीं करवाया गया।
21 सड़क का 18.60 करोड़ में होना है निर्माण:
उल्लेखनीय है कि हरियाणा सीमा तक 21 किमी लंबी सड़क का 18.60 करोड़ से निर्माण होना है। सड़क की चौड़ाई 7 मीटर कर दोनों तरफ की सड़क बाउंड्री में सौन्दर्यीकरण बढ़ाने के लिए पेड़ पौधे भी लगाएं जाएंगे।
दोनों राज्यों को मिलाने का नोहर-सिरसा मार्ग प्रमुख है।
भ्रष्टाचार का मार्ग पार्ट -1
– ये कैसा ट्रांसफर:
ईमानदारी से चलने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग के एक अधिकारी को दिखा दिया अन्यत्र जिले का रास्ता,बेलगाम हुई फर्म,
सूत्रों से खबर. राज्य सरकार द्वारा नोहर से जनानिया से आगे लगती हरियाणा तक 21 किमी लंबी सड़क का 18 करोड 60 लाख रुपए की राशि चौड़ाई बढ़ाकर पुनर्निर्माण करवाया जा रहा है। लोगों की सहुलियत बनाने वाला मार्ग भ्रष्टाचार के मार्ग में तब्दील हो गया जब यहां एक पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी ने ईमानदारी से निर्माण कार्य करवाने का बीड़ा उठाया तो विभाग और ठेकेदार को हजम नहीं हुआ। उस अधिकारी को रातों- रात ट्रांसफर की सजा भुगतनी पड़ी यह खबर सूत्रों के हवाले से है। लोगों को कहना है कि सड़क निर्माण के ठेकेदार ने विभाग और जनप्रतिनिधियों में बहुत पैसों की बंदरबांट की। इसका परिणाम भी स्पष्ट है सड़क निर्माण की गुणवत्ता जांचने के लिए जनप्रतिनिधि और उच्च अधिकारी परहेज कर रहे हैं यह जनप्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान उठ रहें हैं।