बार-बार नहर टूटने से परेशान किसानों ने नोहर एसई सहित अधिकारियों को घेरा,नहर न चलने देने की दी चैतावनी, दो दिन से नहर बांधने का नहीं हुआ अब तक निर्णय
राजेश इंदौरा, जयलाल वर्मा
फेफाना/चारणवासी
हरियाणा में नोहर फीडर नहर मंगलवार को 3 माह में दूसरी बार टूटने से गांव ढुकड़ा के पास नहर उत्तर दिशा में टूटने से खेत जलमग्र हो गए। ढुकड़ा-सिरसा पुल से 300 मीटर पूर्व दिशा में नहर टूटी हैं। जेईएन(सिरसा)ने बताया कि पानी 175 क्यू.था बता दें ओर लाइनिंग की ईंटों के बीच में से पानी का रिसाव होता हैं। कर्मचारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि ये खतरे का चिन्हित प्वाइंट हैं। सेम के कारण नमी से पट्डे धस रहे हैं। नहर का लेवल खेतों से नहर 7-8 फूट ऊंचा होने के कारण पानी का बहाव तेज होने से दोनों तरफ से वापीस आए पानी से 120 फूट चौड़ा हो गया। वहीं कटाव के सामने की लाइनिंग पानी के घुमने से टूट जाने से बड़ा घारा बन गया। जो बराबर बहती बरवाली नहर के लिए खतरा हैं। कटाव से नहराना हेड की तरफ 22 व सीपी हेड की तरफ चार किमी लंबी नोहर फीडर होने के चलते दोनों तरफ का पानी कटाव में से प्रवाह होने से नहर खाली होगी ओर कटाव बढ़ेगा। 2 बजे टूटी नहर की सूचना मिलने पर एईएन मनदीप सिहाग,बेलदार सुरेन्द्र कुमार (सिरसा)मौके पर पहुंचे ओर पानी बंद करवाया। बता दें कि 29 जुलाई को नोहर फीडर टूटी जब जसाना वितरिका रेगुलेशन में चल रही थी। इस बार भी 30 अक्टूबर से जसाना वितरिका रेगुलेशन में चल रही हैं। किसानों ने बताया कि लगभग 100 एकड़ में खड़ी फसलों में पानी भर गया। कुछेक किसानों के खेत में खिला हुआ नरमा चुगना था नव अंकुरित सरसों की फसल पानी के साथ बहकर आई मिट्टी में दब गई। टयूबवैलों व चैंबरों,मकान में पानी भरने से नुकसान हुआ हैं। पानी सूखने तक खेती का कार्य बंद रहेगा ओर खेतों का लेवल भी बिगड गया। किसानों ने बताया कि विभाग नहर की देख-रेख नहीं करता।टूटने के 3 घंटा बाद पहुंचे नोहर एसई मूलचन्द जाट,एईएन त्रिलोक,जेईएन विनोद कुमार सहित अधिकारियों ने पहुंच कर जायजा लिया। मरम्त के अभाव में बार-बार नोहर फीडर टूटने का खामियाजा भुगत रहे किसानों ने नोहर एसई सहित अधिकारियों को घेरा लिया ओर खरी-खोटी सुनाते हुए नहर नहीं चलने देने की चेतावनी दी। गुस्साएं किसानों को देखते हुए एसई सहित टीम ने किसानों से दूरिया बनाकर पिछा छुड़वाया।

जसाना वितरिका के सप्ताह में दूसरी बार टूटी हैं नहर:जसाना वितरिका से जुड़े किसानों की पीड़ा ये है कि जसाना वितरिका में 35 दिन बाद 30 अक्टूबर शाम को पानी छोड़ा। लेकिन मात्रा कम होने के कारण 31 की शाम पांच बजे तक मोघे में प्रवाह नहीं हुआ। किसान गुरमेल सिंह,बोहड़ सिंह,भूपसिंह सहारण,कृष्ण बेनिवाल,गुरविन्द्र सिंह,भूपसिंह मूंड सहित किसानों ने बताया कि 35 दिन बाद नहर आने पर पछेती सरसों बिजाई का उम्मीद लगाए बैठे थे। नहर बांध कर पानी प्रवाह होने तक रेगुलेशन पूरा हो जाएगा ओर पछेती सरसों का समय पूरा हो जाएगा। लेकिन किसान असमंजस की स्थिति में हैं कि अगर गेहूं की बिजाई कर ली तो पक्काने पानी मिलेगा या नहीं। इसलिए किसान फसल भी संतुष्टि से नहीं बीज पा रहे।