धूमधाम से दीपावली मनाने की कही थी बात, अब तिरंगे में लिपटा आएगा शव
रविवार को राजकीय सम्मान के साथ दी जाएगी अंत्येष्टी
अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में हनुमानगढ़ के टिब्बी के रामपुरा गांव का लाल मेजर विकास भांबू शहीद हो गया। शहादत की खबर सुन उनकी पत्नी श्रेया और मां बेसुध हो गईं।
सफरनामा न्यूज हनुमानगढ़ –
अधिवक्ता सुखवीर भांबू ने बताया कि मेजर विकास मेरे चाचा का इकलौता बेटा है। शहीद मेजर विकास भांबू की दो बहनें हैं। दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। मेजर विकास की भी शादी श्रीगंगानगर जिले की सरदारपुरा गांव से हुई थी। शहीद की पत्नी श्रेया चौधरी का परिवार भी जयपुर ही रहता है। शहीद मेजर की एक बेटी भी है। शहीद मेजर विकास भांबू अपने पैतृक गांव पिछले महीने ही आए थे। रामसरा उर्फ रामपुरा गांव में विकास के चाचा-ताऊ का परिवार रहता है। विकास के पिता पूर्व कैबिनेट मंत्री सुभाष महरिया के पीए के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाते रहे हैं। पिता का अक्सर जयपुर-सीकर आना जाना रहता था। जिसके बाद वे अपने परिवार के साथ जयपुर में ही रहने लगे।
मां के सबसे नजदीक रहा
हेलिकॉप्टर क्रेश में शहीद मेजर विकास भांबू सबसे ज्यादा अपनी मां का करीबी था। जानकारी के अनुसार वो अपनी हर बात मां से शेयर करता था। मां-बेटे में बचपन से ही पूरा लगाव था। पिता भागीरथ भांबू के इकलौते बेटे होने के चलते विकास अपनी बहनों और पिता का लाडला था। अंतिम बार गांव आए विकास ने दीपावली साथ मिलकर धूमधाम से मनाने की बात कही थी।
सीकर में की पूरी की थी पढ़ाई
विकास ने बचपन की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई सीकर में रहकर ही पूरी की थी। सीकर से पढ़ाई करते समय विकास का सिलेक्शन आर्मी लेफ्टिनेंट में हुआ था। विकास ने 2008 में देहरादून से ही आर्मी की ट्रेनिंग पूरी की थी। उसके बाद 2012 में आर्मी की सर्विस जॉइन की थी। 3 साल में विकास आर्मी की फ्लाइंग विंग में शामिल हो गया था। अगले 2 सालों में ही विकास आर्मी में मेजर बन गया था। वर्तमान में भी विकास मेजर की पोस्ट पर तैनात था। विकास सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी आर्मी की स्टैंडबाई टीम में शामिल था।