समर्थन मूल्य की तुलना में बाजार भाव अधिक, इसी कारण बढ़ रहा रुझान
2.60 लाख हैक्टेयर में सरसों की बिजाई का लक्ष्य, ये गत वर्ष से 13 हजार हैक्टेयर ज्यादा
राजेश इंदौरा फेफाना-
सरसों की बिजाई का उपयुक्त समय शुरू हो गया है। किसान बिजाई के लिए जमीन तैयार करने में जुटे हैं। कृषि विभाग की ओर से इस बार जिले में 2 लाख 60 हजार हैक्टेयर में बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गत वर्ष 2 लाख 47 हजार हैक्टेयर में बिजाई हुई थी। समर्थन मूल्य से बाजार भाव अधिक होने के कारण दो वर्षों से किसानों का रुझान सरसों के प्रति बढ़ा है। एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक 2.47 लाख हैक्टेयर में बिजाई हुई थी। इस बार पिछले साल से भी अधिक बिजाई होने की संभावना है। जानकारी के अनुसार सरसों की बिजाई में जहां सिंचाई पानी की कम जरूरत पड़ती है, वहीं यह कम समय में पक कर तैयार हो जाती है। 2022- 23 के लिए सरकार द्वारा 5050 रुपए प्रति क्विंटल सरसों का समर्थन मूल्य निर्धारित है। वर्तमान में औसत बाजार भाव 5300 से 5600 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की बिजाई का उपयुक्त समय 5 अक्टूबर 31 अक्टूबर तक होता है। इस समय बिजाई करने से उत्पादन अच्छा होता है और रोग का प्रकोप भी कम होता है। इन दिनों तापमान भी सरसों की बिजाई के अनुकूल हो गया है। काश्तकारों को उपयुक्त समय में बिजाई करने की भी अपील की जा रही है। साथ ही विभाग की ओर से गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को अधिक पैदावार लेने की तकनीकी जानकारी दी जा रही है।
पानी की कम जरूरत, लागत भी कम, इसलिए बढ़ रहा बिजाई क्षेत्र
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की बिजाई से लेकर कम पानी की जरूरत रहती है। बिजाई के बाद दो या तीन बार सिंचाई करने से फसल पक कर तैयार हो जाती है। गेहूं की फसल में 5 से 6 सिंचाई पानी की आवश्यकता होती है। समर्थन मूल्य से बाजार भाव भी ज्यादा चल रहे हैं। ऐसे में किसानों के लिए सरसों की फसल फायदेमंद साबित हो रही है। इसी कारण जिले में बिजाई का क्षेत्र भी बढ़ता जा रहा है। कृषि विभाग की ओर से भी किसानों को उचित समय पर बिजाई करने की अपील की जा रही है। साथ ही बीज और खाद खरीदते समय कृषि आदान विक्रेताओं से भी पक्का बिल प्राप्त करने की अपील की जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को गोष्ठियों जानकारी दी जा रही है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र के किसानों को पूरे रबी सीजन में सिंचाई पानी की 8 बारी मिलेगी। 1 अक्टूबर से शुरू हुए रेगुलेशन से बारी की गणना शुरू हो जाएगी। जल संसाधन विभाग की अधिकारियों द्वारा किसानों से कम पानी से पकने वाली फसलों की बिजाई करने की अपील की गई है।
जौ और सरसों की फसलों में कम पानी की का आयोजन कर तकनीकी आवश्यकता होती है। ऐसे में गेहूं की तुलना में सरसों-जी की बिजाई अधिक होगी तो सभी फसलें अच्छी तरह पक कर तैयार हो जाएगी। वैसे गेहूं की फसल मार्च में पकाव पर पहुंचती है और तब तक आईजीएनपी में रेगुलेशन पूरा हो जाएगा। उस समय तापमान भी बढ़ता है। ऐसे में किसानों से सरसों और जी की बिजाई की अपील की जा रही है।