मौजूदा हालात में राजस्थान कांग्रेस के विधायक दो खेमों में बंट गए हैं। पहला कैंप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का और दूसरा सचिन पायलट का है
कोंग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने जा रही है। इसके साथ ही राष्ट्रपति चुनाव की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। हालांकि, अध्यक्ष पद के लिए नामों की चर्चा शुरू हो गई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। संभावना भी है अशोक गेहलोत की है लेकीन राजस्थान में अशोक गहलोत के बाद सीएम पद के लिए अब कौन। अशोक गहलोत को गांधी परिवार की पसंद कहा जाता है ईस लिए वो बन सकते है। यदी यह हुआ तो सीएम की रेस को लेके रुठना मनाना भी हो सकता है।
सीएम की दौड़ में राजस्थान के और भी दिग्गज नेता हैं। क्योंकि, सचिन पायल का नाम सबसे पहले आ रहा है लेकिन सचिन पायलट का नाम आते ही गहलोत पार्टी के अन्य विधायकों में नाराजगी देखी जा सकती है। सचिन पायलट को नहीं बनाते हैं,तो नाराज वो हो सकते है। बीजेपी में भी सामिल हो सकते है। इसके अलावा सचिन पायलट के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी जैसे अन्य नेताओं का भी मुख्यमंत्री पद के लिए नाम सामने आ रहा है। राजस्थान में अगले साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने पर यह मुद्दा सामने आ सकता है। अगर गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं, तो राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? राजस्थान की कमान किसे मिलेगी? सचिन पायलट मुख्यमंत्री नहीं बनते तो कौन? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में घूम रहे हैं, लेकिन राजनीतिक कुशलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।

अगर अशोक गहलोत राष्ट्रपति बनते हैं तो उनकी जगह सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। लंबे समय से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जा रही है। हालांकि गहलोत खेमा कभी नहीं चाहेगा कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बने।– मौजूदा हालात में राजस्थान कांग्रेस के विधायक दो खेमे में हैं
पायलट को सीएम बनने के लिए विधायकों के सपोर्ट की भी जरूरत होगी। मौजूदा हालात में राजस्थान कांग्रेस के विधायक दो खेमों में बंट गए हैं। पहला कैंप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का और दूसरा सचिन पायलट का है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या गहलोत खेमे के विधायक सचिन पायलका का समर्थन करते हैं? या नहीं।
– अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं और पायलट सीएम नहीं बनते, तो बीजेपी में हो सकते है सामिल
पायलट और गहलोत पिछले चार साल से मुख्यमंत्री पद के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दो साल पहले पायलट ने कुछ विधायकों के साथ भी बगावत का रवैया दिखाया था। अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह फिर से विद्रोही रवैया अपना सकते हैं। पायलट के कई करीबी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद जैसे नाम शामिल हैं। संभव है कि सचिन पायलट भी बीजेपी में शामिल हो जाएं।
– गहलोत अपने करीबी को भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं, ये नाम भी है सामिल
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच समझौता नहीं होने पर मुख्यमंत्री का पद किसी तीसरे व्यक्ति को दिया जा सकता है। गहलोत अपने करीबी को भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं। जिसमें मंत्री शांति धारीवाल, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोषी, बीडी कल्ला जैसे दिग्गज नेता भी सामिल हो सकते है।