नोहर/ हनुमानगढ़
रावतसर से भादरा तक बने मेगा हाईवे पर पेड़ लगाने का मामला कोर्ट में पहुंच गया है। इस संबंध में एडवोकेट मुरारीलाल चौमवाल, एडवोकेट रविंद्र सिंह राजपूत, एडवोकेट रोहिताश सिहाग ने सार्वजनिक जनहित दावा कोर्ट में पेश किया है। दावे में कहा है कि
हाईवे के निर्माण के दौरान 1713 पेड़ काटे गए थे,
जिनकी एवज में रिडकोर को तीन गुणा पेड़ लगाने थे। आरोप लगाया गया है कि जितनी संख्या में पेड़ काटे गए उससे आधे भी पेड़ रिडकोर ने नहीं लगाए। जबकि तीन गुणा पेड़ लगाने का दावा कर गलत भुगतान उठा लिया। सिविल न्यायाधीश चंद्रशेखर पारीक के समक्ष लगाए दावे में बताया है कि पेड़ लगाने के मानक पूरे नहीं होने पर रिडकोर नियम के अनुसार टोल वसूल नहीं कर सकता। इसके बावजूद रिडकोर निरंतर टोल वसूल रहा है। रिडकोर को
नीम, अमलताश, जारकंडा, करज, शीशम, सरस, गुलमोर, संजना, पीपल, कदाम्ब, पापड़ी आदि के वृक्ष लगाने थे। सिविल न्यायाधीश के समक्ष दावा प्रस्तुत होने के बाद पूरी स्थिति जानने के लिए न्यायाधीश चंद्रशेखर पारीक ने एडवोकेट सुरेश कुमार सुथार व एडवोकेट ओम प्रकाश सहू को कमिश्नर नियुक्त किया है। दोनों कमिश्नरों को मौके पर जाकर पूरी वस्तुस्थिति से न्यायालय को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। रविवार को दोनों कमिश्नरों ने थालड़का से गोगामेड़ी तक सड़क के दोनों ओर लगे विभिन्न वृक्षों को लेकर मौके पर जाकर वस्तुस्थिति देखी। इस अवसर पर वन विभाग व रिडकोर के अधिकारी भी मौजूद थे। अब 23 सितंबर को वस्तुस्थिति की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। वहीं कोर्ट ने इस संबंध में वन विभाग को भी नोटिस भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।