जोधपुर
हरिके बैराज से दो दिन पूर्व छोड़ा गया पानी आज सुबह इंदिरा गांधी नहर की साठ आरडी पर स्थित लखूवाली हैड तक पहुंच गया।
सतलुज व ब्यास नदियों के संगम पर बने हरिके बैराज से छोड़ा गया पानी राजस्थान में मसीतावाली हैड के जरिये इंदिरा गांधी नहर में पहुंच चुका है। प्रदेश के दस जिलों के दो करोड़ लोगों की उम्मीदों का यह पानी मंथर गति से आगे बढ़ रहा है। सुबह यह पानी साठ आरडी पार कर लखूवाली हैड तक पहुंच चुका है। फिलहाल हरिके बैराज से साढ़े :छह हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। मसीतावाली हैड से यह पानी 1120 आरडी पर स्थित राजीव गांधी लिफ्ट नहर तक सवा तीन दिन में पहुंचेगा। वहां से करीब 55 घंटे में 204 किलोमीटर की दूरी तय कर जोधपुर पहुंचेगा। इसके एक जून तक जोधपुर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
इंदिरा गांधी नहर को पंजाब में बनी 204 किलोमीटर लंबी राजस्थान फीडर के जरिये हरिके बैराज से जोड़ा हुआ है। दो दिन पूर्व हरिके बैराज से पानी छोड़ा गया था। यह पानी कल रात दो बजे मसीतावाली हैड तक पहुंच गया। यहां से राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर शुरू होती है। नहर में छोड़ा गया पानी करीब सौ किलोमीटर प्रति दिन की रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है।
ऐसी होती है आरडी
इंदिरा गांधी नहर की 0 आरडी(रिडयूसिंग डिस्टेंस) मसीतावाली पर है। एक आरडी से दूसरी आरडी के बीच इंदिरा गांधी नहर में एक हजार फीट की दूरी होती है। 3.33 आरडी का एक किलोमीटर होता है। जबकि राजीव गांधी लिफ्ट नहर में एक आरडी एक किलोमीटर की है। 0 आरडी से 1125 आरडी तक का सफर तय कर नहरी पानी मदासर पहुंचेगा। यहां राजीव गांधी लिफ्ट नहर के लिए पानी लिया जाता है।
एक जून तक जोधपुर पहुंचेगा पानी
इंदिरा गांधी नहर में अभी पानी साठ आरडी तक पहुंचा है। 1125 आरडी तक पहुंचने में इसे सवा तीन दिन लगेंगे। वहां से इसे 217 मीटर लिफ्ट कर 204 किलोमीटर लंबी राजीव गांधी लिफ्ट नहर के जरिये जोधपुर लाया जाएगा। अभी इंदिरा गांधी नहर में पानी की रफ्तार को देखते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी 1 जून तक हर हालत में जोधपुर पहुंच जाएगा।
ऐसी है इंदिरा गांधी नहर
राजस्थान के लिए जीवन रेखा बन चुकी इंदिरा गांधी नहर पंजाब के फिरोजपुर के निकट सतलज व ब्यास नदी के संगम पर बने हरिके बैराज से शुरू होती है। देश की सबसे लम्बी यह नहर 649 किलोमीटर लम्बी है। इसमें से पंजाब से राजस्थान तक 204 किलोमीटर फीडर नहर है। वहीं 445 किलोमीटर मुख्य नगर है। राजस्थान की सीमा पर इस नहर की गहराई 21 फीट व तल की चौड़ाई 134 फीट व सतह 218 फीट चौड़ी है। हनुमानगढ़ के मसीतावाली से लेकर जैसलमेर के मोहनगढ़ तक फैली मुख्य नहर से नौ शाखाएं निकलती है। सिंचाई के लिए इसकी वितरिकाएं 9,245 किलोमीटर लम्बी है। राजस्थान के दस रेगिस्तानी जिलों के लोगों के हलक इस नहर के पानी से तर होते है। इसके अलावा कई बिजली परियोजनाओं के लिए भी पानी यहीं नहर eउपलब्ध कराती है।