हनुमानगढ़|
पंछी, नदिया, पवन के झौंके…, कोई सरहद ना इन्हें रोके…। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बरसाती नदी घग्घर का पानी श्रीगंगानगर िजले में भारत-पाक सीमा पर स्थित कैलाश चौकी को पार कर पाकिस्तान में प्रवेश कर गया है। ऐसे में यह गीत बेहद प्रासंगिक हो उठा है। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले जब बॉर्डर पर गश्त कर रहे जवानों के सामने यह पानी आया तो उनका कहना था कि सरहद केवल इंसानों के लिए है। पानी के लिए सब बराबर है। खास बात ये है कि 7 साल बाद घग्घर नदी में लगातार 23 दिन पानी चला।
शनिवार शाम को यह पानी पाक सीमा में प्रवेश कर गया। घग्घर का उद्गम स्थल हिमाचल प्रदेश में शिवालिक पहाड़ियों में है। यहां से पानी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर होते हुए पाकिस्तान पहुंचता है। आजादी के पर्व पर बीएसएफ के जवान मुस्तैदी से सीमा की रक्षा कर रहे हैं वहीं फेंसिंग के साथ बनाए गए गश्ती रूट पर अब पानी चल रहा है। जल संसाधन खंड द्वितीय के एक्सईएन सहीराम यादव के अनुसार पानी आगामी कई दिनों तक घग्घर नदी में अंतिम छोर तक चलने की उम्मीद है।