इंदिरा गांधी नहर परियोजना में दूषित पानी डाले जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी चिंता जाहिर की है। सीएम गहलोत ने इस सिलसिले में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से बातचीत की है।
राजस्थान/पंजाब
गहलोत ने बुधवार को भगवंत मान से इन्दिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट (IGNP) में पंजाब से आने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट और प्रोजेक्ट के सरहिंद फीडर की रिलाइनिंग के संबंध में बात की। गहलोत ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने उन्हें आश्वस्त किया है कि गंदे पानी के निपटारे काम काम प्राथमिकता से करवाएंगे। अगली नहरबंदी के दौरान रिलाइनिंग का काम भी पूरा करवा दिया जाएगा।
पंजाब सरकार ट्रीटमेंट करवाकर इंदिरा गांधी नहर में पानी छोड़ेगी तो राजस्थान के 10 जिलों को साफ पानी मिलेगा। रिलाइनिंग वर्क पूरा होने पर राजस्थान का करीब 1500 क्यूसेक पानी भी बचेगा, जो सीपेज के कारण अभी बर्बाद हो रहा है|
1500 क्यूसेक पानी का नुकसान बचेगा

राजस्थान के करीब 16.17 लाख हेक्टेयर एरिया में इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई होती है। इस नहर से प्रदेश के 10 जिलों में पानी पहुंचता है। इनमें गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर,जैसलमेर,बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चूरू, झुंझुनू, सीकर शामिल हैं। नहर का जीरो प्वाइंट मोहनगढ़ जैसलमेर से बढ़ाकर गडरा रोड बाड़मेर कर दिया गया है। इंदिरा गांधी नहर से 7 लिफ्ट नहर और 9 ब्रांच निकाली गई हैं। डिजाइन के मुताबिक इंदिरा गांधी नहर की कैपेसिटी 18,500 क्यूसेक है। सीपेज के कारण राजस्थान को करीब 1500 क्यूसेक पानी का नुकसान होता था। सरहिंद की रिलाइनिंग का काम चल रहा है। यह काम पूरा होने से बड़ा वाटर लॉस खत्म हो जाएगा।
बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा इन्दिरा गांधी फीडर की बुर्जी संख्या (आरडी) 555 (राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर) एवं बीकानेर कैनाल की आरडी 368 (राजस्थान-पंजाब बॉर्डर) पर रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनिटिरिंग सिस्टम स्थापित किया है। इससे पानी की गुणवत्ता पर नजर रखी जाती है। राजस्थान सरकार ने पिछले 3 साल में नहरबंदी के दौरान इन्दिरा गांधी नहर में करीब 106 किलोमीटर रिलाइनिंग का काम किया है। इससे पानी की क्वालिटी और क्वांटिटी में सुधार आया है। इससे नहर के आखिरी छोर तक पानी पहुंचना तय हुआ है।