Safarnama.news JAIPUR
पिछले नौ सालों से फार्मासिस्ट के पदों पर एक भी भर्ती नहीं निकली है। साल 2013 में 1209 पदों पर भर्ती हुई थी। इसके बाद 2018 में 1736 वैकेंसीज निकली थी, जिन्हें निरस्त कर दिया गया था। साल 2019 व 2020 में कोरोना के कारण भर्तियां नहीं हुई। इसके बाद नियमों में संशोधन के कारण वैकेंंसी नहीं निकाली गई। इस तरह साल 2014 से लेकर 2022 तक फार्मासिस्ट के पदों पर एक भी भर्ती नहीं हुई। इस सिलसिले में भास्कर की ओर से की गई पड़ताल में सामने आया है कि फार्मेसी में महंगी फीस देकर डिप्लोमा व डिग्री कर चुके 30 हजार स्टूडेंट्स सालों से वैकेंसी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें बाहरी राज्यों से पढ़ाई करने वाले छात्र भी शामिल हैं। फार्मा यूथ वेल्फेयर संस्थान के उपाध्यक्ष रवि ओझा का कहना है कि सरकार को जल्दी ही भर्ती करनी चाहिए। उधर, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग भर्ती एजेंसी से संपर्क में है और प्रोसेस जारी है।
अटकी योजना…नहीं खुले कॉलेज
फार्मेंसी में डिप्लोमा के लिए एक मात्र संस्थान पीएचटीआई एसएमएस अस्पताल परिसर स्थित है। इसे 46 साल स अब तक अपग्रेड नहीं किया गया है। हर साल यहां 60 सीटों पर प्रवेश दिया जाता है। एक साल की फीस करीब 15 हजार रुपए तक है।
जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा मेडिकल कॉलेजों में केंद्र सरकार की ओर से राज्य में सरकारी फार्मेसी कॉलेज खोलने की योजना थी। लेकिन राज्य सरकार की ओर से सहयोग नहीं मिलने से मामला अटक गया।
सत्र 2021-22 में डिप्लोमा के 96 संस्थानों में 5764 सीटें और डिग्री के 41 संस्थानों में 2230 सीटें थी।
4 माह में भी नहीं हो पाया एमओयू
कार्मिक विभाग ने 28 फरवरी 2022 को नोटिफिकेशन जारी करने के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड को फार्मासिस्ट के पदों के लिए अभ्यर्थना भेज दी थी।
कर्मचारी चयन बोर्ड का तर्क था कि वर्ष 2022-23 में की जाने वाली भर्तियों के संबंध में कैलेंडर जारी होने के कारण दिसंबर माह तक रिक्रूटमेंट संभव नहीं है।
बोर्ड की ओर से असमर्थता जाहिर करने पर विभाग ने 28 अप्रैल को एमएनआईटी को पत्र लिखा। लेकिन एमएनआईटी ने इनकार कर दिया। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के बाद एमएनआईटी ने भर्ती करवाने की मंशा प्रकट करते हुए एमओयू करने के लिए कहा।