Safarnama.news Sirsa
गांव गुडियाखेड़ा के पास पांच दिनों से टूटी पड़ी हिसार घग्गर ड्रेन का पानी लगातार आगे से आगे बढ़ रहा है। पिछले तीन दिन में अब यह गांव गुडियाखेड़ा, मोडिया खेड़ा और बकरियांवाली की करीब एक हजार एकड़ फसल को डुबो चुका है। अब पानी तीनों गांव की ढाणियों में भी घुस चुका है। ढाणी के लोग पहले से ही पलायन कर चुके हैं।

गांव की तरफ टूटने के डर से पूरे गांव में अलर्ट घोषित है। हालांकि पांचवे दिन ड्रेन में जलस्तर घटना शुरू हो गया है। गुडियाखेड़ा के पास आधा फुट पानी कम हुआ है। जो ग्रामीणों और प्रशासन के लिए राहत की बात है। सिंचाई विभाग ने सफाई के लिए बड़ी मशीन भी लगा दी है।
कोई रास्ते में पानी गुजरने में बाधा आती है तो उसको मशीन से साफ किया जा रहा है। जिस कारण भी जलस्तर तेजी से आगे बढा है और पानी घटना शुरू हुआ है। इधर ढाणीवासियों में रोष है। उनका कहना है कि उनकी फसल और मकान नष्ट हो रहे हैं। प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा है। उनकी मांग है कि यहां से पानी निकाला जाए।
80 फुट दरार को कवर किया जा सका
पांच दिनों बाद जब ड्रेन में पानी कम होना शुरू हुआ है। तब सिंचाई विभाग ने ड्रेन में आई 100 फुट की दरार को पाटने का कार्य गुरुवार की दोपहर को शुरू किया। करीब 80 फुट तक दरार पाट दी गई। मगर बाद में मिट्टी से भरे थैले खत्म हो गए। इस कारण ड्रेन बांधने का कार्य बीच में रोकना पड़ा। ड्रेन बांधने के लिए डेरा सच्चा सौदा की ग्रीन फोर्स आई हुई थी। टीम के सदस्यों ने बताया कि कम से कम एक हजार मिट्टी से भरे थैले और चाहिए।
पानी कम हुआ, मगर खतरा बरकरार है

गांव गुडियाखेड़ा के पूर्व सरपंच प्रतिनिधि भरत सिंह बीरड़ा ने बताया कि पहले से कुछ हालात सुधरे हैं। पानी थोड़ा कम हुआ है। मगर ढाणियों और खेतों में पानी बहुत अधिक है। टूटी ट्रेन को बांधने का कार्य शुरू किया गया है। अब तक 6 हजार मिट्टी के थैले भरकर करीब 80 फुट दरार भर दी गई है। 20 फुट बाकी रही है। वह शुक्रवार को बंद कर दी जाएगी। उसके बाद मोटरें लगाकर खेतों और ढाणियों का पानी निकाला जाएगा। प्रशासनिक अधिकारी पूरा सहयोग कर रहे हैं। गांव संकट में इसलिए सरकार और प्रशासन पर भरोसा है कि वे गांव का पूरा सहयोग देंगे और प्रभावित लोगों की पूरी मदद की जाएगी।