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नोहर एसडीएम श्वेता कोचर ने अपनी सैलेरी में से 20 हजार खर्च कर छोटे बच्चों के लिए कुर्सियां खरीदी और उन्हें आंगनबाड़ी केन्द्रों को भेंट कर दिया। सीडीपीओ कार्यालय नोहर में आयोजित कार्यक्रम में एसडीएम ने ये कुर्सियां आंगनबाडी़ केन्द्रों से आईं कार्यकर्ताओं को भेंट की। इस अवसर पर सीडीपीओ शिवराज सिंह समेत महिला पर्यवेक्षक, विभिन्न आंगनाबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ता, सहायिका इत्यादि मौजूद रही। इस अवसर पर घर-घर औषधि योजना अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण वाटिका विकसित करने को लेकर पौधे भी वितरित किए गए।
इस अवसर पर एसडीएम श्वेता कोचर ने कहा कि नोहर दानदाताओं की नगरी है। यहां हर क्षेत्र में भामाशाह आगे बढ़कर हर कार्य में सहयोग करते हैं। उन्होने बताया कि स्कूलों में तो शिक्षकगण मेहनत कर भामाशाहों से सहयोग जुटा लेते हैं लेकिन आंगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ता, सहायिका इत्यादि सरकार की हर योजना को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। कोरोना काल में भी इनके द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया गया था। लिहाजा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुर्सियां देने का निर्णय़ लिया। प्रशासन आंगनबाड़ी केंद्रों के विकास हेतु हर समय उनके साथ है। साथ ही भामाशाहों से अपील करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खिलौना बैंक बनाने व नंदघर योजना में सहयोग करें तो बच्चों को इससे काफी सीखने को मिलेगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रवेश सोलंकी ने नोहर एसडीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एसडीएम नोहर ने अपनी सेलेरी से 20 हजार रूपए की कुर्सियां खरीदकर कर आंगनाबाड़ी केन्द्रों को भेंट कर मिसाल कायम की है। नोहर सीडीपीओ शिवराज सिंह ने एसडीएम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नोहर एसडीएम ने बच्चों को कुर्सियां भेंटकर नवाचार किया है। जिले के अन्य लोग भी सहयोग करने के लिए आगे आएंगें। गौरतलब है कि नोहर में कुल 222 व जिले में कुल 1248 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं।