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Wednesday, March 29, 2023

भारत की महिला टीम ने रचा इतिहास, लॉन बॉल्स में पहली बार जीता गोल्ड मेडल

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भारत पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स के लॉन बॉल इवेंट में पदक जीतने में कामयाब हुआ है. लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की ने महिला टीम इवेंंट में यह उपलब्धि हासिल की है. लॉन बॉल एक आउटडोर गेम है जिसमें खिलाड़ी बॉल को रोल करते हुए आगे बढ़ाते हैं. इंग्लैंड ने लॉन बॉल में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीते हैं. 

बर्मिंघम में जारी 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की महिला लॉन बॉल टीम ने इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। फाइनल मुकाबले में भारतीय चौकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाला। महिला टीम के इस इवेंट में टीम इंडिया में लवली चौबे, पिंकी, नयानमोनी साइकिया, रूपा रानी शामिल रहीं. जिन्होंने लगातार बेहतर प्रदर्शन किया और देश के लिए … मेडल जीता. फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से मात दी है। करीब ढाई घंटे चले इस रोमांचक मुकाबले में कई बार उतार-चढ़ाव आया, टीम इंडिया ने शुरुआत में बढ़त बनाई लेकिन उसके बाद साउथ अफ्रीका ने भी वापसी की. अंत मे टीम इंडिया का शानदार खेल काम आया और भारत ने 17-10 से मुकाबला अपने नाम किया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के मेडल की संख्या अब 10 हो गई है, इसमें 4 गोल्ड मेडल, 3 सिल्वर और 3 ही ब्रॉन्ज़ मेडल शामिल हैं।

 

 

लवली चौबे: 42 साल की लवली चौथे झारखंड पुलिस में अफसर हैं. उन्‍होंने अपने करियर की शुरुआत एक धावक के तौर पर की थी लेकिन चोट के चलते बाद में उन्‍होंने लॉन बॉल्‍स को अपने करियर के तौर पर चुना. साल 2014 में उन्‍होंने चार खिलाड़ियों वाले इस खेल में डेब्‍यू किया था और गोल्‍ड कोस्‍ट में पांचवें स्‍थान पर खत्‍म किया था. राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वो साल 2008 में खेली थी और गोल्‍ड मेडल अपने नाम किया था. उन्‍होंने महिला सिंगल टूर्नामेंट में सिल्‍वर मेडल अपने नाम किया

नयन मोनी सैकिया: मूल रूप से असम की रहने वाली नयन मोनी राज्‍य के वन विभाग में अधिकारी हैं. साल 2008 में उन्‍होंने लॉन बॉल्‍स से अपने करियर की शुरुआत की. साल 2011 के रांची नेशनल गेम्‍स में उन्‍होंने दो गोल्‍ड मेडल जीते थे. 2017 की एशियन चैंपियनशिप में भी उन्‍होंने दो गोल्‍ड जीते थे

पिंकी: दिल्‍ली की रहने वाली पिंकी राजधानी के ही एक स्‍कूल में फिजिकल एजुकेशन की टीचर हैं. साल 2010 में दिल्‍ली में हुए कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स से पहले उनके स्‍कूल में लॉन बॉल्‍स टूर्नामेंट के लिए प्रैक्टिस वेन्‍यू तैयार किया गया था. यहीं से उनके मन में इस खेल के प्रति प्‍यार पैदा हुआ. साल 2014 और 2018 के कॉमनवेल्‍थ खेलों के दौरान वो इस टूर्नामेंट में भाग ले चुकी हैं. राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कई मेडल इनके नाम है.

रूपा रानी: रूपा रानी ने साल 2010 के कॉमनवेल्‍थ खेलों में भी हिस्‍सा लिया था. उनकी टीम उस वक्‍त चौथे स्‍थान पर रही थी. इसके बाद से वो प्रत्‍येक कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में खेली हैं.

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