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Wednesday, March 29, 2023

धार्मिक यात्रा: जानिए देश के प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों के बारे में

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New delhi 

भारत में उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई प्रसिद्ध और प्राचीन हनुमान मंदिर है। इन हनुमान मंदिरों की बेहद मान्यता है और इनके बारे में कहा जाता है कि यहां हनुमान जी स्वयंभू प्रकट हुए हैं। वैसे भी हनुमान जी को कलयुग का अधिष्ठाता देव माना गया है। उन्हें संकटमोचन कहा जाता है। वह सबसे ज्यादा जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं। यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी कलयुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे। जानते हैं देश के कुछ प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों के बारे में जहां की काफी मान्यता है और देश के कोने-कोने से श्रद्धालु इन मंदिरों में हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं

बालाजी मंदिर, मेहंदीपुर (राजस्थान)

राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ मेहंदीपुर है। यहीं बालाजी मंदिर है। यहां चट्टान पर स्वयंभू हनुमान जी की आकृति उभर कर आई हुई थी। यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां पर हनुमान जी के साथ ही भैरव बाबा, प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान की पूजा होती है।  इस मंदिर की सीमा में प्रवेश करने से पहले आपको खाने-पीने की सभी चीजें बाहर रखनी होती है।

लासर हनुमान मंदिर, सालासर(राजस्थान)

 

सालासर हनुमान मंदिर भी राजस्थान में ही है। हनुमान जी का यह प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में है। यहां भी हनुमान जी की स्वयंभू प्रतिमा प्रकट हुई है। इस गांव का नाम सालासर है, जिस वजह से मंदिर का नाम सालासर बालाजी पड़ा। यह पहला ऐसा हनुमान मंदिर है, जहां बाबा की प्रतिमा दाड़ी व मूंछ वाली है। यह एक किसान को खेत में मिली थी, जिसे सालासर में सोने के सिंहासन पर स्थापित किया गया है।

हनुमान धारा, चित्रकूट

 

उत्तर प्रदेश में सीतापुर के पास हनुमान धारा मंदिर है। यहां हनुमान जी की मूर्ति के ठीक ऊपर दो कुंड हैं, जो भरे रहते हैं। इस वजह से इसे हनुमान धारा मंदिर कहा जाता है।

हनुमान मंदिर, इलाहबाद

उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में एकमात्र ऐसा हनुमान मंदिर है जहां हनुमान जी लेटे हुए हैं। इस मंदिर को लेटे हुए हनुमान मंदिर काहा जाता है। यह मंदिर काफी प्राचीन है और यहां हनुमान जी की प्रतिमा लेटे हुए है जिस वजह से इसका नाम भी लेटे हुए हनुमान मंदिर पड़ा। यह मूर्ति 20 फीट लम्बी है।

हनुमानगढ़ी, अयोध्या

 

अयोध्या में प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना करीब 300 साल पहले स्वामी अभयारामदास जी ने की थी। वैसे भी अयोध्या भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है। जिस वजह से भी इस हनुमान मंदिर की लोकप्रियता काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

600 वर्ष पहले स्थापित की गयी 6 फीट के विशाल प्रतिमा वाला सामोद का वीर हनुमान जी का मंदिर लोगों की आस्था और मान्यताओं का है केंद्र

 

जयपुर से 43 किलोमीटर दूर शान्त पहाड़ियों के बीच सामोद पर्वत पर स्थित वीर हनुमानजी का मन्दिर लोगों की आस्थाओं का एक प्रमुख केंद्र है। दुर्गम पहाड़ियों के बीच 600 साल पुराने इस मंदिर में शनिवार और मंगलवार को भक्त और दर्शानार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है। 1100 सीढ़ियाॅं चढ़कर भक्त दर्शन के लिए पूरे जोश के साथ पहुंचते हैं, लेकिन अब मन्दिर के दर्शन और सुलभ बना दिये गये हैं। रोप-वे सेवा शुरू की गयी है जिसमें चार ट्रालियां दो आने व दो जाने के लिए मन्दिर तक शुरू की गयी है जिसमें एक बार में 16 श्रद्धालू दर्शन के लिए मन्दिर तक जा सकते हैं, जिसका किराया भी आने और जाने का मात्र 80 रूपये निर्धारित किया गया है। इस रोप-वे से जाने के लिए भारी भीड़ और लाइनें लगती हैं। वृद्ध और चलने फिरने में लाचार लोगों के लिए यह सुविधा काफी लोकप्रिय हो रही है  क्योंकि 1100 सीढ़ियाॅं चढ़कर मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं था। सामोद के वीर हनुमानजी का मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ आता है उसकी हनुमानजी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं।

वीर हनुमान जी का मन्दिर राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से 43 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| ग्राम नांगल भरडा, तहसील चौमू में सामोद पर्वत पर स्थित यह मंदिर राजस्थान के सबसे धार्मिक स्थलो में से एक है। यह मन्दिर राजस्थान में ही नहीं अपितु पूरे भारत में प्रसिद्ध है| इस मन्दिर में हनुमान जी की 6 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है और भगवान राम का मंदिर भी है| सामोद मंदिर ‘सीता राम जी, वीर हनुमान ट्रस्ट सामोद’द्वारा बनाया गया था।

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