सिरसा
गांव खैरेकां स्थित पुल के पास शनिवार को पानी 12.8 फीट दर्ज किया गया है। जिससे तलहटी में खेती करने वाले किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि खतरे के निशान से घग्गर 5 फीट नीचे है। लेकिन के जिला प्रशासन बढ़ते जलस्तर के मध्य अलर्ट है। नदी के सेंस्टिव एरिया को 8 जोन में बांटा गया है। जहां तटबंधों पर निगाह रखने को सिंचाई विभाग की 24 टीमें तैनात की हैं। वहीं पंजाब से पानी के साथ आई जलकुंभी नदी के बहाव में बाधा बनी है। जिसको निकालने में 22 जेसीबी लगाई हैं। इसके अलावा थैलों में मिट्टी भरने का काम शुरू करवा दिया है।
ताकि नदी के बांध टूटने से पहले इंतजाम पुख्ता हों। आसपास खेतों के किसानों को निगरानी की सलाह दी गई है। कई गांवों के किसान प्रशासन की मदद में जुटे हैं। मानसूनी सीजन में अक्सर अच्छी बारिश से घग्गर का जलस्तर बढ़ता है। लेकिन जलस्तर निरंतर बढ़ने लगा है। ओटू हेड पर 20 हजार क्यूसिक पानी है। जहां से राजस्थान होते हुए पानी पाकिस्तान पहुंचता है। मगर पानी के बहाव में जलकुंभी बाधा बनी है। जिससे कई इलाकों में जलस्तर बढ़ा है। गांव खैरेकां के पास तीन दिन पहले पानी 4.5 फीट था और शुक्रवार को 9.9, जबकि शनिवार सुबह 12.8 फीट दर्ज किया गया। तेज बहाव के साथ बढ़ते जलस्तर के कारण आसपास गांवों के किसानों ने तटबंधों पर ठीकरी पहरा शुरू कर दिया है। ओटू हेड पर पलपल की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है।
पीलीबंगा/हनुमानगढ़।
घग्घर नदी का बंधा टूटा,150 बिघा भूमि में खड़ी फसल जलमग्न, किसानों को लाखों रुपए की फसल बर्बाद होने की आंशका, सैकड़ों किसान कर रहे हैं बंधा बांधने का प्रयास,3000 हजार क्यूसेक पानी घग्घर नदी में हो रहा है प्रवाहित।