कृषि कार्यों में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की है। जिले में स्थित ग्राम सेवा सहकारी समिति, कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ), क्रय-विक्रय सहकारी समिति द्वारा स्थापित कस्टम हायरिंग केंद्र ड्रोन खरीद सकेंगे। सहकारी समितियां राजस्थान की ओर से ड्रोन खरीदने पर 40 प्रतिशत (अधिकतम 4 लाख रुपए) अनुदान दिया जाएगा।
ड्रोन खरीदने की इच्छुक समितियों व एफपीओ से प्रस्ताव मांगे गए हैं। सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन (एसएमएएम) योजना के तहत सहकारिता विभाग की ओर से चयनित ग्राम सेवा सहकारी समिति व क्रय-विक्रय सहकारी समिति के माध्यम से स्थापित किए गए हायरिंग केंद्रों पर ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे। हनुमानगढ़ जिले में 8 ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर का संचालन कर रही है। इसके अलावा कई एफपीओ भी बने हुए हैं।
ये समितियां ड्रोन खरीद कर किसानों को किराए पर दे सकेंगे। इससे फसलों में कीटनाशक का छिड़काव करने सहित विभिन्न विभिन्न कृषि कार्य करने में किसानों को सुविधा मिलेगी। जानकारी के अनुसार भारत सरकार द्वारा पेश किए गए वर्ष 2022-23 के बजट में कृषि कार्यों के लिए ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान देने की घोषणा की थी।
इसी के दृष्टिगत हनुमानगढ़ में ड्रोन के माध्यम से किसान क्या-क्या कृषि संबंधी कार्य कर सकते हैं इस बारे में जानकारी दी जा चुकी है। कस्टम हायरिंग सेंटरों पर ड्रोन उपलब्ध होने से किसानों को कृषि कार्य करने में आसानी होगी।
एक बार में 20 मिनट भरेगा उड़ान, 10 लीटर का होगा टैंक
25 किलो से कम वजन का ड्रोन खेती के काम में लिया जा सकता है। इसके लिए केंद्र ने ग्रीन मैप जारी किया है। एक बार में 20 मिनट तक ड्रोन उड़ान भर सकता है। इसमें करीब 10 लीटर तक का टैंक होता है। 7 मिनट में डेढ़ बीघा में कीटनाशक का छिड़काव हो सकेगा।
सबसे बड़ी बात है कि मैप के माध्यम से पहले खेत का नक्शा तैयार होगा। कम्प्यूटराइज्ड तरीके से प्रति बीघा के हिसाब से भी किसान अलग-अलग कीटनाशक का छिड़काव करवा सकते हैं। अगर खेत में कोई बड़े पेड़ लगे हुए हैं और उन पर कीटनाशक का छिड़काव नहीं करना चाहते तो उनको मैप के जरिए हटा सकते हैं। इसके अलावा ड्रोन के माध्यम से फसलों के विविधिकरण की पहचान, ड्रोन से मैपिंग, ड्रोन से जमीन की उर्वरक क्षमता का सभी पता लगाया जा सकेगा।